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थाने के बाहर ग्रामीणों की समझाइश की बीच पिंडवाड़ा की तरफ से दोपहर को कुछ सशस्त्रधारी ग्रामीण जीपों में भरकर हंगामा करते हुए वहां पहुंच गए। उन्होंने हल्ला करते हुए समझाइश में शामिल लोगों को भी उठा लिया और सागरिया गांव में चढ़ोतरे के लिए जाने लगे। पुलिस ने उसी समय गांव जाने वाले मार्ग पर पुलिस की गाडिय़ां आड़ी खड़ी कर उन्हें रोक लिया। पुलिस वार्ता करती उससे पहले ही आरोपियों ने पथराव करते हुए लठ व हथियार घुमा दिए। पथराव से उपाधीक्षक शंभूसिंह, कोटड़ा थानाधिकारी देवीसिंह, बेकरिया थानाधिकारी अमराराम, हैड कांस्टेबल भागीरथ, कांस्टेबल लालशंकर, नाहरसिंह सहित छह जनों को चोटें आईं। पुलिस ने लाठी भांजी तो आरोपी वहां पथराव करते हुए भाग निकले। हमले व पथराव में उपाधीक्षक व बेकरिया थाने की सरकारी गाडिय़ों के शीशे फूट गए। हमले के बाद पुलिस ने मौके पर धरपकड़ करते हुए तीन महिला सहित 14 जनों को हिरासत में लिया। उसके बाद पोस्टमार्टम करचा शव ससुरालजनों के सुपुर्द कर दाह संस्कार करवाया।