रहा है।
103 प्रजाति के पौधे
संभाग की 123 नर्सरियों में इस वर्ष नीम, आम, अनार, आशापाल,आंवला, अगेव, अमलतास, अमरूद, आडू, अरीठा, अर्जुन,अशोक, बांस, बहेड़ा, बरगद, पीपल, कदम्ब, महुआ, बेर, बिल्व पत्र, गदाफलाश, गुड़हल, गूंदी, लसोड़ा, चूरैल, इमली, जामुन, करमदा, खाखरा, खैर, खेजड़ी, कचनार, कल्पवृक्ष, करंज समेत 103 प्रजाति के पौधे तैयार किए गए हैं। इन पौधों की ऊंचाई 2 से 10 फीट तक है।
जैव विविधता परियोजना की 8 वर्ष की अवधि पूरी हो जाने से राज्य सरकार ने इस वर्ष इसको बंद कर दिया है। साथ ही नाबार्ड से भी धन आवंटन नहीं हुआ है जिससे इस बार पौधरोपण का लक्ष्य आधा ही रह गया है। – रामकरण खैरवा, मुख्य वन संरक्षक उदयपुर
– आर.एल लोढ़ा पर्यावरणविद्
विभाग की नर्सरियों से राजकीय विभागों, शैक्षणिक संस्थाओं, भारतीय स्काउट एवं गाइड, एनसीसी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को भी एक रुपए प्रति पौधे की दर से 1000 हजार पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। दो फीट के पौधे की दर 5 रुपए, 2 से 3 फीट की 8 रुपए, 3 से 5 फीट के 15 रुपए एवं 5 से 8 फीट के पौधे की दर 40 रुपए तय की गई है।