ये है संजीवनी
गुजरात सरकार के आदिवासी विकास विभाग ने आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए दूध संजीवनी योजना शुरू की है। प्राइमरी स्कूल में जा रहे आदिवासी छात्रों के पोषण स्तर को बेहतर बनाने और उन्हें समृद्ध करने के लिए राज्य सरकार आदिवासी क्षेत्रों में प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों का अपने दोपहर के भोजन के साथ दूध प्रदान करती है। सरकार ने राज्य के 225 जिलों के कुल 19 विकासशील तालुकों में इसे लागू करने के लिए 67.55 करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया था। वर्तमान में 7.54 लाख विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल रहा है। इसे 4722 प्राथमिक स्कूलों में चलाया जा रहा है।
पैक में आता है दूध
बच्चों को दो सौ मिली के पैक में दूध परोसा जाता है, जो हल्का मीठा होता है। सभी पात्र बच्चों को सुबह 10 बजे एक-एक दूध थैली दे दी जाती है। इसमें दूध को गर्म कर ठण्डा होने तक इन्तजार नहीं करना होता है। शिक्षक व कर्मचारी नेता शेरसिंह चौहान ने बताया कि शिक्षकों का समय खूब बिगड़ रहा है। हाल यह है कि पूरा समय इसमें निकल रहा है, बच्चों को पढ़ाएंगे कब? यदि पैक दूध दिया जाए तो समय और श्रम बेकार नहीं होगा।
400 बच्चे हैं, कक्षाओं में दे तो भी एक घंटा लगेगा। इसमें समय तो लग रहा है, लेकिन बच्चों के लिए योजना ठीक है। हालांकि इस योजना में शिक्षकों और बच्चों का समय खराब नहीं हो, इसके लिए किसी स्वयंसेवी संगठन से इसे संचालित करवाना चाहिए।
मोहनलाल मेघवाल, राउमावि काया प्रधानाचार्य
समय तो लगता है, कोई तरीका निकालेंगे
स्कूल में करीब 250 बच्चे हैं, दूध गर्म करने से लेकर बंटने में करीब ढाई घंटे लगते हैं। समय बचाने के लिए कोई तरीका निकालना जरूरी है।
हेमन्त मीणा, कार्यवाहक प्रधानाचार्य, राउमावि अमरपुरा
गुजरात में आदिवासी बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए संजीवनी योजना चलाई जा रही है। आदिवासी क्षेत्रों में इसे चलाया जाता है, ताकि बच्चों में कुपोषण की स्थिति नहीं बने। ये पैक दूध बच्चों को दिया जाता है।
भूपेन्द्रसिंह चुडास्मा, शिक्षा मंत्री गुजरात
मोहनलाल मेघवाल, राउमावि काया प्रधानाचार्य
समय तो लगता है, कोई तरीका निकालेंगे
स्कूल में करीब 250 बच्चे हैं, दूध गर्म करने से लेकर बंटने में करीब ढाई घंटे लगते हैं। समय बचाने के लिए कोई तरीका निकालना जरूरी है।
हेमन्त मीणा, कार्यवाहक प्रधानाचार्य, राउमावि अमरपुरा
गुजरात में आदिवासी बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए संजीवनी योजना चलाई जा रही है। आदिवासी क्षेत्रों में इसे चलाया जाता है, ताकि बच्चों में कुपोषण की स्थिति नहीं बने। ये पैक दूध बच्चों को दिया जाता है।
भूपेन्द्रसिंह चुडास्मा, शिक्षा मंत्री गुजरात