आयोजन का यह चतुर्थ दिवस था जो नवकार महामंत्र महाजाप के रूप में सम्पन्न हुआ। इस जाप में 1000 से अधिक श्रावक-श्राविकाओं ने सामूहिक सस्वर मंगल ध्वनि का उद्घोष किया। जाप के दौरान श्राविकाओं ने लाल चून्दड तथा श्रावकों ने श्वेत परिधान में आराधना भाव अर्पित किये। दिनेश मुनि ने कहा कि महामंत्रों में नवकार सर्वोच्च फलदायक मंत्र है। उपाध्याय पुष्कर मुनि दिन में 3 बार इसका जाप कर मंगलपाठ करते थे। महाश्रमण जिनेन्द्र मुनि तथा उपप्रवर्तक अक्षय ऋषि ने कहा कि उपाध्याय पुष्कर मुनि ने अपने उपदेशों द्वारा ग्रामीणजनों को सर्वाधिक प्रभावित किया और अनेकों को व्यसन मुक्त रहने का संकल्प दिलाया। समारोह को डॉ. द्वीपेन्द्र मुनि, डॉ. पुष्पेन्द्र मुनि, सेवाभावी प्रवीण मुनि, जयंत मुनि, शमित मुनि ने भी संबोधित किया। इस अवसर ‘गुरु पुष्कर पावन धाम’ को श्रद्धालुओं ने ‘नील गगन का एक सितारा-गुरु पुष्कर को नमन हमारा’ जयकारे से गूंजायमान कर दिया। श्री पुष्कर मुनि के रजत महाप्रयाण के अवसर पर श्री तारक गुरु जैन ग्रंथालय स्थित उनके समाधिस्थल श्री पुष्कर गुरु पावन धाम का समग्रतः अत्यंत ही साधनामूलक परिवेश में नवीनीकरण किया गया। यह कार्य गिरधारीलालजी, मेथीबाई, बडे भ्राता दीपचंदजी, भाभीश्री फेन्सीदेवी एवं भतीजा प्रदीप (रॉकी) की पुण्य स्मृति में सुमेरमल, मदनलाल, मोतीलाल, वीरचंद, महावीर, मनीष, आकाश नीमेश, ऋषभ, नीव, निलय, ढेलरिया मेहता (कुशीपवाला) गढसिवाना, सूरत अहमदाबाद द्वारा सम्पन्न हुआ। पुष्पेन्द्र मुनि ने बताया कि जाप पूर्णाहति के पश्चात 21 रजत सिक्के लक्की ड्रा में निकाले गए। रजत सिक्के के लाभार्थी परिवार नीरु विजय जैन थे। मुनिश्री ने बताया कि इस अवसर पर लड्डू प्रभावना वितरित की गई। जाप में भाग लेने वाले श्रावक-श्राविकाओं को धार्मिक किट प्रदान की गई जिसमें मुहपत्ती, माला व धार्मिक उपकरण प्रदान किये गए। रजत स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में श्री तारक गुरु जैन ग्रंथालय द्वारा उपाध्यायश्री पुष्कर मुनिजी की जन्मस्थली सेमटाल गांव, पुष्करनगर में सभी गांववासियों को लड्डू वितरित किये गए।