script‘बैंड बाजा बंद दरवाजा’ में लगेगा हॉरर कॉमेडी का जबरदस्त तड़का | Exclusive interview of amitosh nagpal for Band Baaja band darwaja | Patrika News

‘बैंड बाजा बंद दरवाजा’ में लगेगा हॉरर कॉमेडी का जबरदस्त तड़का

locationमुंबईPublished: Jan 18, 2019 05:22:20 pm

Submitted by:

Mahendra Yadav

अमितोष ने पत्रिका से खास बातचीत में आने वाले शो के कुछ अनछुए पहलुओं को साझा किया

Amitosh nagpal

Amitosh nagpal

रोहित शर्मा
सास बहू, कॉमेडी और ऐतिहासिक तड़के के बाद छोटा पर्दा अब दोबारा से हॉरर कॉमेडी की तरफ लौट रहा है। सोनी सब के दर्शकों के लिए एक नया हॉरर कॉमेडी शो ‘बैंड बाजा बंद दरवाजा’ आ रहा है। जो 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर प्रसारित होगा। शो के जरिए निर्माता डरावनी कहानी को हास्यास्पद रूप में टीवी स्क्रीन पर दिखाने जा रहे हैं। जिसमें हॉरर कॉमेडी का जबरदस्त तड़का है।
शो में एक तरफ बैंड बाजा है और दूसरी तरफ बंद दरवाजा है। एक तरफ शादी को लेकर तैयारियां चल रही हैं और वहीं दूसरी तरफ भूत शादी को रोकने की कोशिश कर रहा है। मैचमेकर भी शादी करवाने की पूरी कोशिश कर रही है, जबकि भूत यह कोशिश कर रहा है कि ऐसा ना हो पाए।

शो के मुख्य किरदार
शो में मुख्य भूमिका में अमितोष नागपाल हैं जो ‘रॉकी’ की भूमिका निभा रहे हैं। रॉकी बहुत ही श‍र्मीला लड़का है, वह किसी लड़की से बात करने में घबराता है और मैचमेकर्स उसे शादी के लिये लड़कियों से मिलवाने की कोशिश करते हैं। वहीं मुकेश तिवारी भूत की भूमिका में हैं। तिवारी 25 साल पहले मृत एक युवक संजीव शर्मा का किरदार निभा रहे हैं।

अमितोष ने पत्रिका से खास बातचीत में आने वाले शो के कुछ अनछुए पहलुओं को साझा किया।

'बैंड बाजा बंद दरवाजा' में लगेगा हॉरर कॉमेडी का जबरदस्त तड़का
पत्रिका – आप वास्‍तविक जीवन में भी एक गीतकार हैं और इस शो में आप एक सिंगर हैं। तो परदे पर एक सिंगर की भूमिका निभाने में उससे कितनी मदद मिली?
अमितोष-‘मैं थियेटर की दुनिया से आया हूं। मैं लिखता हूं, कंपोज करता हूं, अभिनय करता हूं और काफी सारी दूसरी चीजें करता हूं। मैंने ‘ओय लकी! लकी ओय! और कई सारे विज्ञापनों के लिए भी लिखा है। बाकी भूमिकाएं जिस तरह मेरे पास आती हैं उसी तरह यह भूमिका भी आई। यह मजेदार है और यह मानते हुए कि मैंने भी यह शो लिखा है। मैं अपने हुनर का कई जगहों पर इस्‍तेमाल कर सकता हूं।’

पत्रिका- आप इस शो में पुरुष के साथ-साथ महिला की आवाज में भी गा रहे हैं। क्‍या इसके लिए आपने कोई खास ट्रेनिंग ली है?

अमितोष- ‘यह सिर्फ मेरा किरदार है, सच्‍चाई यह है कि उस आवाज को डब किया गया है। मैं महिला की आवाज में नहीं गा रहा हूं।’
'बैंड बाजा बंद दरवाजा' में लगेगा हॉरर कॉमेडी का जबरदस्त तड़का
पत्रिका- पहले भी टेलीविजन पर हॉरर कॉमेडी शो आ चुके हैं। ‘बैंड बाजा बंद दरवाज़ा’ उन सबसे किस तरह अलग है?

अमितोष- ‘यह दावा करना मुश्किल है कि आपका शो अलग है। हर कोई यही कह रहा है कि यह अलग है लेकिन यह नहीं जानता कि कितना अलग है, क्‍योंकि मैं बाकी शोज के बारे में बहुत नहीं जानता हूं। हालांकि, हमारे शो के बारे में एक चीज जो अलग है वह है हमारा काम। मुझे नहीं पता कि बाकी शोज किस तरह करते हैं लेकिन जो मैंने सुना है उसके हिसाब से उनके पास आखिरी समय तक स्क्रिप्‍ट नहीं होती है और उनके पास सही शेड्यूल नही होता है। हमने फिल्‍म की तरह स्क्रिप्‍ट तैयार कर ली है और हमारी योजना है कि हम उसके अनुसार ही चलेंगे।’

पत्रिका- एक एक्‍टर होने के अलावा, आप एक डायलॉग राइटर और एक डायरेक्‍टर भी हैं। क्‍या हम आपको ‘बैंड बाजा बंद दरवाज़ा’ में उस भूमिका में भी देख पाएंगे?

अमितोष- ‘इस शो के लिए मैं निर्देशन नहीं कर रहा हूं, लेकिन मेरे बेहद करीबी मित्र मकबूल खान कर रहे हैं और इस शो को हां कहने की सबसे पहली वजह यही है। मैं उनके साथ इस शो में एक प्रोड्यूसर भी हूं, क्‍योंकि हम दोनों काफी समय से एक साथ काम करना चाहते थे। मक़बूल की वजह से ही मैंने लिखना शुरू किया था, क्‍योंकि उन्‍होंने मुझे सलाह दी थी कि मुझे फिल्‍मों के लिए लिखना चाहिए। यहां टीवी के लिये कुछ लिखने का निर्णय थोड़ा मुश्किल था, क्‍योंकि मेरे पास कुछ फिल्‍में भी थीं।’

पत्रिका- इस शो से आपकी क्‍या उम्‍मीद हैं?

अमितोष- ‘मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि जब आप उस पर काम कर रहे होते हैं तो आपको महसूस होता है कि वह संदेश दर्शकों तक पहुंच जाएगा। आधे समय तक लोग यही सोचते रहते हैं कि कुछ तो गड़बड़ है, लेकिन इस शो को लेकर मुझे ऐसा महसूस नहीं हो रहा है। मुझे ऐसा लगता है कि हमने इस शो को बड़े ही प्‍यार से लिखा है, कलाकारों को उसे सुनकर मजा आया, हमें इसमें काम करते हुए मजा आ रहा है। मैं बस इतना चाहता हूं कि हमारी कहानी हमारे दर्शकों तक पहुंचे, ताकि वे आएं और इस शो को देखें।’

पत्रिका- आमतौर पर यह माना जाता है कि लोगों को हंसाना मुश्किल होता है। आप इस बारे में क्‍या कहते है ?

अमितोष- ‘इसी तरह मैं अपनी जिंदगी जीता हूं। यदि मैं परेशानियों से घिरा हूं, मैं हंसना शुरू कर देता हूं। ह्यूमर मेरे स्‍वभाव का दूसरा रूप है और यह चीज करना मुझे पसंद है। यदि किसी दिन मैं किसी को हंसा दूं तो बड़ा ही अच्‍छा महसूस होता है। मेरे दोस्‍तों के अनुसार, मैं चीजों को मजेदार तरीके से पेश करने में अच्‍छा हूं और उम्‍मीद करता हूं कि इस शो के साथ भी यह चीज दर्शकों तक पहुंचेगी।’

पत्रिका – क्‍या आप भूतों/आत्‍माओं पर भरोसा करते हैं या आपका उनसे कभी सामना हुआ है?

अमितोष- मैं भूतों पर भरोसा नहीं करता हूं लेकिन बचपन में भूतों से बहुत डरा करता था। ऐसा कोई आमना-सामना नहीं हुआ है लेकिन मेरे जीवन में कुछ ऐसी चीजें हुईं जिन्‍होंने मुझे असमंजस में डाल दिया। उदाहरण के लिए, मुझे यह पता चलता है कि कुछ ऐसी चीज होने वाली है या मैं किसी से मिलने जा रहा हूं और वह कई बार डरावना हो जाता है।’
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