Kumbhalgarh Fort, Rajsamand: कहते हैं ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना के बाद अगर दुनिया में कोई सबसे बड़ी दिवार है तो वह है राजस्थान के कुम्बलगढ़ फोर्ट की दिवार। अरावली के खूबसूरत पहाड़ियों में स्थित कुम्भलगढ़ फोर्ट कई महल, मंदिर और गार्डन का मालिक हैं। यहां की प्रभावशाली दिवार दुश्मनों से रक्षा करने के इरादे से बेहद लम्बी और मजबूत बनाई गयी है। यह फोर्ट बहार से जितना राजसी लगता है अंदर से भी उतना ही रॉयल है। एक और जहाँ फोर्ट के अंदर सुंदर महल, झरोखे व मंदिर है वहीं इसके आसपास पहाड़ियों और घाटियों का शानदार नजारा है। Jaisalmer Fort, Jaisalmer: 12वीं शताब्दी में बनाये गए इस फोर्ट के सैंडस्टोन की बनी ऊंची दीवारों के पार खूबसूरत नक्काशी और डिजाइन वाले कई घर, महल और मंदिर हैं। यहां दीवारों पर कार्विंग की बात करें तो यहां मार्बल के व्हील्स, फल और फूल बनाए गए हैं। येलो सैंड स्टोन से बने होने के कारण इस फोर्ट को ‘गोल्डन फोर्ट’ भी कहा जाता है। Jaisalmer Fort, Jaisalmer : इंस्टाग्राम पर एक डिजिटल क्रिएटर (charu.tgs) ने जैसलमेर फोर्ट के बारे में एक अनोखी बात साझा की। उन्होंने अपनी एक पोस्ट में जैसलमेर के फोर्ट की फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘जैसलमेर में वॉल पेंटेड वेडिंग इनविटेशन नजर आये। यह दुर्लभ संस्कृति कम से कम 1900 के दशक से जारी है जहां सभी को आमंत्रित किया जाता है। शादी गृह प्रवेश जैसे विभिन्न खुशी के अवसर पर एक इनविटेशन या अनाउंसमेंट के तौर पर घर/ हवेली/ फोर्ट की दीवारों पर कलरफुल पेंटिंग बनाई जाती है। इनमें परिवार, दूल्हा दुल्हन के नाम के अलावा छोटी कविताओं के साथ भगवान गणेश और अन्य शुभ प्रतिक जैसे स्वस्तिक, कलश आदि पेंट किये गए है।’ (Photo/input : Instagram/ (charu.tgs)) Mehrangarh Fort, Jodhpur: अगर किसी फोर्ट के लिए ‘मैजेस्टिक’ या भव्य शब्द का इस्तेमाल करना हो तो सबसे पहला ना जोधपुर के मेहरानगढ़ फोर्ट का आएगा। भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है मेहरानगढ़ फोर्ट। एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित यह फोर्ट जोधपुर शहर को निहारता हुआ वहां की झांकी दिखता है। इस फोर्ट की दीवारों में दम है। दिखने में सूंदर होने के साथ ही इनकी मजबूती एक अलग ही भाषा बोलती है। मजबूत दिवारें, जालीदार खिड़कियां, अप्रतिम आंगन और अलंकृत महल, ये सभी हर किसी आने वाले का मन मोह लेते हैं। किले में एक म्यूजियम भी है जो बीते ज़माने के आर्टिफैक्ट्स,आर्टवर्क और हत्यार शोकेस करता है। Amber Fort, Jaipur: इस फोर्ट की सुंदरता शब्दों में बयां करना मुश्किल है। यही कारण है की यह फोर्ट राजस्थान के सबसे प्रतिष्ठित किलों में से एक है। आमेर फोर्ट भव्य होने के साथ-साथ आश्चर्यजनक आर्किटेक्चर के लिए भी जाना जाता है। इसे 16वीं शताब्दी में राजा मान सिंह प्रथम द्वारा बनवाया गया था। रेड स्टैंड स्टोन और मार्बल से बना यह फोर्ट बेहतरीन कारीगरी और कार्विंग का प्रतीक है। यहां का शीश महल, जो हजारों छोटे मिरर से तैयार किया गया है, अलौकिक और अद्भुत है। Junagarh Fort, Bikaner: राजस्थान की राजसी हिस्ट्री और कल्चर का एक और बेहतरीन उदाहरण है बीकानेर का जूनागढ़ फोर्ट। यह फोर्ट कई बातों के लिए प्रसिद्द है। जिनमें कई चमकदार कोर्टयार्डस , पवेलियन और मंदिर हैं। यहां आप कलाकृतियों, कलाकृति और हथियारों का संग्रह देख सकते हैं। फोर्ट के अंदर सात द्वार हैं जिनमें से दो मुख्य द्वार हैं। इनके अलावा, किले में कई हिंदू और जैन मंदिर हैं। इस फोर्ट में एंटर होते ही आपकी नजर यहां की प्रभावशाली दीवारों पर पड़ेगी। जैसे-जैसे आप अंदर जाएंगे आपको खूबसूरत और बारीक नक्काशी नजर आएगी, साथ ही नजर आएंगे कई सुंदर महल। हर मंजिल पर महलों की संख्या अलग-अलग है। दूसरी मंजिल में 15, तीसरी मंजिल में आठ, चौथी में ग्यारह और पांचवी में पांच महल हैं। आर्किटेक्चर की बात करें तो यहां राजपूत, गुजरात, मुगल और इंडो-वेस्टर्न आर्किटेक्चर नजर आएगा।
Kumbhalgarh Fort, Rajsamand: कहते हैं ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना के बाद अगर दुनिया में कोई सबसे बड़ी दिवार है तो वह है राजस्थान के कुम्बलगढ़ फोर्ट की दिवार। अरावली के खूबसूरत पहाड़ियों में स्थित कुम्भलगढ़ फोर्ट कई महल, मंदिर और गार्डन का मालिक हैं। यहां की प्रभावशाली दिवार दुश्मनों से रक्षा करने के इरादे से बेहद लम्बी और मजबूत बनाई गयी है। यह फोर्ट बहार से जितना राजसी लगता है अंदर से भी उतना ही रॉयल है। एक और जहाँ फोर्ट के अंदर सुंदर महल, झरोखे व मंदिर है वहीं इसके आसपास पहाड़ियों और घाटियों का शानदार नजारा है। Jaisalmer Fort, Jaisalmer: 12वीं शताब्दी में बनाये गए इस फोर्ट के सैंडस्टोन की बनी ऊंची दीवारों के पार खूबसूरत नक्काशी और डिजाइन वाले कई घर, महल और मंदिर हैं। यहां दीवारों पर कार्विंग की बात करें तो यहां मार्बल के व्हील्स, फल और फूल बनाए गए हैं। येलो सैंड स्टोन से बने होने के कारण इस फोर्ट को ‘गोल्डन फोर्ट’ भी कहा जाता है। Jaisalmer Fort, Jaisalmer : इंस्टाग्राम पर एक डिजिटल क्रिएटर (charu.tgs) ने जैसलमेर फोर्ट के बारे में एक अनोखी बात साझा की। उन्होंने अपनी एक पोस्ट में जैसलमेर के फोर्ट की फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘जैसलमेर में वॉल पेंटेड वेडिंग इनविटेशन नजर आये। यह दुर्लभ संस्कृति कम से कम 1900 के दशक से जारी है जहां सभी को आमंत्रित किया जाता है। शादी गृह प्रवेश जैसे विभिन्न खुशी के अवसर पर एक इनविटेशन या अनाउंसमेंट के तौर पर घर/ हवेली/ फोर्ट की दीवारों पर कलरफुल पेंटिंग बनाई जाती है। इनमें परिवार, दूल्हा दुल्हन के नाम के अलावा छोटी कविताओं के साथ भगवान गणेश और अन्य शुभ प्रतिक जैसे स्वस्तिक, कलश आदि पेंट किये गए है।’ (Photo/input : Instagram/ (charu.tgs)) Mehrangarh Fort, Jodhpur: अगर किसी फोर्ट के लिए ‘मैजेस्टिक’ या भव्य शब्द का इस्तेमाल करना हो तो सबसे पहला ना जोधपुर के मेहरानगढ़ फोर्ट का आएगा। भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है मेहरानगढ़ फोर्ट। एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित यह फोर्ट जोधपुर शहर को निहारता हुआ वहां की झांकी दिखता है। इस फोर्ट की दीवारों में दम है। दिखने में सूंदर होने के साथ ही इनकी मजबूती एक अलग ही भाषा बोलती है। मजबूत दिवारें, जालीदार खिड़कियां, अप्रतिम आंगन और अलंकृत महल, ये सभी हर किसी आने वाले का मन मोह लेते हैं। किले में एक म्यूजियम भी है जो बीते ज़माने के आर्टिफैक्ट्स,आर्टवर्क और हत्यार शोकेस करता है। Amber Fort, Jaipur: इस फोर्ट की सुंदरता शब्दों में बयां करना मुश्किल है। यही कारण है की यह फोर्ट राजस्थान के सबसे प्रतिष्ठित किलों में से एक है। आमेर फोर्ट भव्य होने के साथ-साथ आश्चर्यजनक आर्किटेक्चर के लिए भी जाना जाता है। इसे 16वीं शताब्दी में राजा मान सिंह प्रथम द्वारा बनवाया गया था। रेड स्टैंड स्टोन और मार्बल से बना यह फोर्ट बेहतरीन कारीगरी और कार्विंग का प्रतीक है। यहां का शीश महल, जो हजारों छोटे मिरर से तैयार किया गया है, अलौकिक और अद्भुत है। Junagarh Fort, Bikaner: राजस्थान की राजसी हिस्ट्री और कल्चर का एक और बेहतरीन उदाहरण है बीकानेर का जूनागढ़ फोर्ट। यह फोर्ट कई बातों के लिए प्रसिद्द है। जिनमें कई चमकदार कोर्टयार्डस , पवेलियन और मंदिर हैं। यहां आप कलाकृतियों, कलाकृति और हथियारों का संग्रह देख सकते हैं। फोर्ट के अंदर सात द्वार हैं जिनमें से दो मुख्य द्वार हैं। इनके अलावा, किले में कई हिंदू और जैन मंदिर हैं। इस फोर्ट में एंटर होते ही आपकी नजर यहां की प्रभावशाली दीवारों पर पड़ेगी। जैसे-जैसे आप अंदर जाएंगे आपको खूबसूरत और बारीक नक्काशी नजर आएगी, साथ ही नजर आएंगे कई सुंदर महल। हर मंजिल पर महलों की संख्या अलग-अलग है। दूसरी मंजिल में 15, तीसरी मंजिल में आठ, चौथी में ग्यारह और पांचवी में पांच महल हैं। आर्किटेक्चर की बात करें तो यहां राजपूत, गुजरात, मुगल और इंडो-वेस्टर्न आर्किटेक्चर नजर आएगा।