script

श्रीजी का कलशाभिषेक किया एवं णमोकार महामंत्र का जाप

locationटोंकPublished: Sep 24, 2018 03:00:06 pm

Submitted by:

MOHAN LAL KUMAWAT

पुरानी टोंक स्थित पांचों मंदिर में सामूहिक रूप से श्रीजी का कलशाभिषेक किया गया। श्रद्धालुओं के जयकारों से पांच मंदिर परिसर गुंजायमान हो गया। बाद में श्रीजी की आरती की गई।

Shantadhara

सुदर्शनोदय तीर्थ में शान्तिधारा करने को उमड़े श्रावक।

टोंक. पर्यूषण पर्व उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा के रूप में मनाया गया। अनंत चतुर्दशी पर पुरानी टोंक स्थित पाŸवनाथ नसिया, चंद्रप्रभु नसिया नेमिनाथ नसिया, चंद्रप्रभु चेतालय, पाŸवनाथ चेतालय, आदिनाथ मंदिर, पाŸवनाथ मंदिर, नेमिनाथ मंदिर, चंद्रप्रभु मंदिर एवं शांतिनाथ मंदिर में भगवान का अभिषेक एवं शांतिधारा कर अघ्र्य चढ़ाए गए। आदिनाथ मंदिर पुरानी टोंक में सुबह श्रीजी के अभिषेक के बाद दसलक्षण पर्व की पूजा एवं उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा कर श्रीजी को 108 अघ्र्य एवं श्री फल चढ़ाए गए।
शाम को पुरानी टोंक स्थित पांचों मंदिर में सामूहिक रूप से श्रीजी का कलशाभिषेक किया गया। श्रद्धालुओं के जयकारों से पांच मंदिर परिसर गुंजायमान हो गया। बाद में श्रीजी की आरती की गई। कर्मों का क्षय करने के लिए प्रतिक्रमण एवं णमोकार महामंत्र का जाप किया गया।
पर्यूषण पर्व के समापन पर समाज अध्यक्ष पारसमल ने समाज में सराहनीय कार्य करने के लिए जैन युवा मंच, अहिंसा जय घोष, कनक महिला मंडल, नैतिक शिक्षा मंड, चंद्रप्रभु मंडल के सदस्यों को धन्यवाद दिया। अब मंगलवार को क्षमावाणी पर्व मनाया जाएगा।
दिगम्बर जैन नसिया अमीरगंज में दशलक्षण विधान पंडित प्रमोदकुमार शास्त्री के सान्निध्य में मनाया गया। प्रवक्ता रमेशचंद ने बताया कि उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा तथा वासू पुज्य भगवान के मोक्ष कल्याण के अवसर पर सामूहिक रूप से लड्डू चढ़ाया गया।
इसके बाद नसिया और बड़े मंदिर में कलशाभिषेक किया गया। रात को वृहत प्रश्न मंच हुआ। इधर, सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से हाउसिंग बोर्ड में पर्यूषण पर्वपर शनिवार रात मैना सुंदरी नाटक का मंचन किया गया। समाज के प्रवक्ता अशोक जैन ने बताया कि बच्चों ने सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए डाकू गब्बर सिंह नाटक का मंचन किया । इसमें अशीष सोगानी, दीपक सोगानी ने शिक्षक विमलकुमार जैन के निर्देशन में नाटक का मंचन किया। इस दौरान दिनेश पाटोदी, वंदना, रमेश छाबड़ा, मंजू, दिनेश कासलीवाल, विमल छाबड़ा आदि मौजूद थे।

‘आत्मा में रमण करना ही ब्रह्मचर्य’
मालपुरा. दशलक्षण पर्व के समापन पर जैन मंदिरों में दर्शनार्थियों व पूजा करने वालों की भीड़ लगी रही। अनन्त चतुदर्शी पर व्यापारियों ने प्रतिष्ठान बंद रखकर मंदिरों में उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा-अर्चना की। मुख्यालय स्थित आदिनाथ जैन मंदिर, पाŸवनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, मंदिर चौधरियान, मंदिर टोडान, मंदिर तेरापंथियान, पाण्डुकशिला स्थित शंातिनाथ मंदिर में उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा-अर्चना की ।
सुबह सभी जिनालयों अष्टद्रव्यों से जिनेन्द्र भगवान की शांतिधारा, कलशाभिषेक, आरती कर उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा-अर्चना की गई। पं. अंकित शास्त्री ने कहा कि कहा कि अपनी आत्मा में रमण करना ही ब्रह्मचर्य है, ब्रह्म आत्मा आत्म स्वभाव है। ज्ञान दर्शन और ज्ञान स्वभाव में आचरण करना, उसमें स्थिर रहना ही ब्रह्मचर्य कहलाता है। शाम को कलशाभिषेक का आयोजन किया गया। मंगलवार को क्षमावाणी पर्व मनाया जाएगा।

नाटिका का मंचन
उनियारा. पर्युषण पर्व के दौरान केसरिया बालिका मण्डल की ओर से नाटिका प्रस्तुत की। इसमें मुनि तरूण सागर के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन किया। शुरुआत मुख्य अतिथि पालिकाध्यक्ष राकेश बढ़ाया ने की। अध्यक्षता सुशील मित्तल ने की। बालिका मण्डल अध्यक्ष अन्नूू गोयल ने अतिथियों का स्वागत किया गया। मंच संचालन विनय सर्राफ ने किया।

कार्यक्रम में चन्द्रमोहन मंगल, पवन सर्राफ, हुकमचन्द जैन, बाबूलाल मित्तल, बाबू लाल कासलीवाल, प्रेमचन्द जैन मौजूद थे। शीतलनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में शीतलनाथ भगवान की शांतिधारा की गई। सुपाŸवनाथ भगवान की शांतिधारा मोहनलाल, जम्बू प्रसाद बिलाला ने की।
आवां. मुनि सुधासागर,मुनि महासागर, मुनि निष्कंप सागर, क्षुल्लक धैर्य सागर व क्षुल्लक गम्भीर सागर के सान्निध्य में सुदर्शनोदय तीर्थ में विभिन्न धार्मिक आयोजन हो रहे हैं।श्रावक संस्कार के शिविरार्थियों ने दशलक्षण पर्व के दस दिन में भगवान का नित्य अभिषेक, शान्ति धारा कर मुनि संघ के निर्देशन में धर्म के दसों सस्कारों को जीवन में आत्मसात करने का प्रशिक्षण लिया।
शिविर के दसवें दिवस शिविरार्थियों को उत्तम ब्रह्मचर्य का प्रशिक्षण दिया गया। सकल दिगम्बर जैन धर्म प्रभावना समिति आवां के संयोजक संजय छाबड़ा ने बताया कि शिविर के समापन के अवसर पर जिन दर्शन शोभायात्रा निकाली जाएगी।

ट्रेंडिंग वीडियो