वहीं ग्राम पंचायत की ओर से तालाब की फेसवाल के ढाई माह में ही आई दरारों को सीमेंट बजरी से भर दिया गया। चौरू ग्राम पंचायत मुख्यालय स्थित तालाब की फेसवाल निर्माण कार्य इसी वर्ष स्वीकृत हुआ था।
जबकि पंचायत की ओर से माताजी के मन्दिर के पास तीन लाख रुपए की लागत से फेसवाल निर्माण कार्य कराया गया। उक्त कार्य एक मई 2018 को शुरू कराकर 15 मई को पूरा करा दिया।
पूर्व सरपंच कालूलाल मीना, वार्ड पंच कपूरचंद शर्मा, रामप्रसाद चौधरी, दिनेश धाकड़ तथा सुरेन्द्र धाकड़ आदि ने आरोप लगाया कि चौरू ग्राम पंचायत प्रशासन ने कम गुणवत्तापूर्ण निर्माण सामग्री का उपयोग कर तालाब की फेसवाल का निर्माण कराया है।
उक्त निर्माण कार्य का सहायक अभियंता व कनिष्ठ अभियंता की ओर से समय-समय पर निरीक्षण नहीं किया गया। इससे ढाई माह में फेसवाल निर्माण कार्य में दरारें आ गई। इससे माताजी के मन्दिर आने-जाने वाले दर्शनार्थियों को हादसे की आशंका बनी हुई है।
वहीं तालाब के भरने से पाल के क्षतिग्रस्त होने तथा पानी गांव में घुसने की आशंका बनी हुई। विकास अधिकारी डॉ. शिवसिंह पोसवाल ने ग्राम पंचायत को क्षतिग्रस्त फेसवाल मरम्मत के निर्देश दिए। इसके बाद चौरू ग्राम पंचायत प्रशासन की ओर से तालाब की क्षतिग्रस्त फेसवाल की मरम्मत के नाम से लीपापोती करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से मामले की निप्षक्ष जांच करने की मांग की।
मिट्टी भरी गई है
तालाब के फेसवाल निर्माण में जमीन के लेवल से बीस फीट ऊंचाई है। साइड में बीस फीट मिट्टी भरी गई है। एकदम रात को बारिश आने से मिट्टी धंस गई। उसमें गैस पाइप लगा हुआ था।
दीवार पर आई दरार का जाइंट था, लेकिन एक ही रात में तेज बारिश के चलते तालाब भरने से दीवार में दरार आ गई, जिसे मरम्मत करके ठीक करा दिया गया है। शेष मरम्मत कार्य भी पूरा करा दिया जाएगा।
ममता नागर, सरपंच, चौरू