इसमें एक करोड़ बीज पैदा किया जाएगा। इसकी तैयारी गलवा फिश बाधं में पिछले दो वर्षों से की जा रही है, जो इस वर्ष पूरी हो जाएगी और मानसून की शुरुआत होते ही बीज का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा।
अभी जिले के सभी किसान व ठेकेदार राजस्थान के बाहर से बीज खरीद करते हैं। इससे उनका पैसा व समय अधिक खर्च होता है। प्रजनन प्रक्रिया के बाद उनको बीज टोंक में ही सरकारी दाम पर मिल सकेगा।
वे बाहर से मंगवाए जाने वाले बीज का खर्च व मनमानी राशि देने से बच सकेंगे। प्रजनन में रऊ, कतला, नरेन, ग्लासकार व कोमलकार आदि नरुलों के गुणवत्ता वाले एक करोड़ बीज तैयार किए जाएंगे।
मिलेगी गुणवत्ता
जिले में लगभग सभी ठेकेदार बाहर से बीज खरीद करते हैं। अभी पश्चिम बंगाल से बीज मंगवाए जाते हैं, जो गुणवत्ता में कम हो जाते हैं। तालाब तक पहुंचने तक लगभग 10 प्रतिशत बीज नष्ट हो जाता है, जो बचता है वो कमजोर हो जाता है।
जिले में लगभग सभी ठेकेदार बाहर से बीज खरीद करते हैं। अभी पश्चिम बंगाल से बीज मंगवाए जाते हैं, जो गुणवत्ता में कम हो जाते हैं। तालाब तक पहुंचने तक लगभग 10 प्रतिशत बीज नष्ट हो जाता है, जो बचता है वो कमजोर हो जाता है।
इससे उनका विकास पूरी तरह नहीं हो पाता। जिले में ही किसानों व ठेकेदारों को बीज मिलने पर उनको बीज में गुणवत्ता अधिक मिलेगी और कम समय में उनका अच्छा विकास हो सकेगा। किसानों को मिलेगा लाभ
फार्म पॉण्ड वाले किसान मत्स्य पालन से लाभ लेने के लिए मत्स्य विभाग से बीज खरीद कर उनको अपने फार्मपॉण्ड में पालन कर सकते हैं। इससे उनको 4-5 माह में करीब 25-30 हजार रुपए का मुनाफा हो सकेगा।
आवेदन की तिथि 25 तक टोंक. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के विभिन्न संकायों के प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए ऑन लाइन आवेदन 25 जून तक किए जाएंगे। प्राचार्य ने बताया कि विद्यार्थी ई-मित्र पर आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद आवेदनों की जांच की जाएगी। प्रथम प्रवेश सूची के प्रकाशन के बाद मूल दस्तावेज की जांच की जाएगी।