पुलिस ने बताया कि 17 अगस्त 2018 की रात को जयपुर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित टोंक में बालाजी ट्रैक्टर शोरूम से चोर दो ट्रैक्टर ले गए थे। उन्होंने जिले में अलग-अलग स्थानों पर चोरी की वारदातों को अंजाम दिया। पुलिस को मौके से सीसीटीवी फुटेज भी मिले।
इसके आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। बाद में पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर स्पेशल टीम का गठन किया गया और इस टीम ने साइबर एक्सपर्ट की मदद से ट्रैक्टर चोरी की वारदात का खुलासा किया।
मौके पर मिले सबूतों के आधार पर पुलिस को पता चला कि ट्रैक्टर चोर लग्जरी कार में सवार होकर आए थे। इसके बाद पुलिस ने टोल प्लाजा से सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले। स्पेशल टीम को पता चला कि राष्ट्रीय राजमार्गपर ट्रैक्टर चोरी और कार चोरी की वारदातों को अंजाम देने में मध्य प्रदेश की कंजर गैंग और हरियाणा की मेवाती गैंग का हाथ है। इसके बाद स्पेशल टीम ने मध्यप्रदेश शाहजापुर में छापामार कार्रवाई की और वाहन चोर गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया।
कोतवाली थाना प्रभारी बी.एल. मीणा ने बताया कि कंजर गैंग का सरगना सहित चार लोग पुलिस की गिरफ्त में आए हैं। वही मेवाती गैंग के सदस्य फरार हो गए। उनकी तलाश में भी स्पेशल टीमें बनाई गई है।
पुलिस ने गिरफ्त में आए चोरों के पास से एक लग्जरी कार भी बरामद की है। इसकी मदद से चोर वारदात को अंजाम देने के लिए करते थे। पूछताछ में खुलासा हुआ कि चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद चोर पुलिस नाकेबंदी से बचने के लिए कंटेनर कि मदद लेते थे। इसमें चोरी किए गए वाहनों को भर कर हरियाणा भेज दिया जाता था। इससे यह कभी पुलिस की पकड़ में नहीं आते थे। फिलहाल पुलिस अब दोनों ही गिरोह के बचे हुए शातिर चोरों की तलाश में जुट गई है।