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टोंक

मशीन होने बावजूद नजरों से नाप ली एक अरब की सडक़ों की गुणवत्ता, बिना गुणवत्ता वाली टूट रही है सडक़ें

Tonk News शहर की हर गली में नगर परिषद ने सडक़ का निर्माण कराया है। अब तक इनकी गुणवत्ता को क्षेत्रीय अभियंता के आधार पर ही नापा गया है। जबकि नियमों के मुताबिक लैब में जांच तथा मशीन से मापदण्ड लेना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।

टोंकJul 22, 2019 / 07:13 pm

pawan sharma

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मशीन होने बावजूद नजरों से नाप ली एक अरब की सडक़ों की गुणवत्ता, बिना गुणवत्ता वाली टूट रही है सडक़ें

टोंक. सडक़ की गुणवत्ता नापने के लिए यूं तो मशीन तथा लैब का उपयोग किया जाता है, लेकिन टोंक नगर परिषद के अभियंता नजर से देखकर ही सडक़ की गुणवत्ता का पता लगा लेते हैं। ऐसा इस लिए है कि मशीन होने के बावजूद उसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। ये मशीन अग्निशमन केन्द्र के कक्ष में ताले में बंद है।
इसे चालू नहीं करने के पीछे कारण बताया जा रहा है कि ऑपरेटर नहीं है। ऑपरेटर स्वायत्त शासन विभाग निदेशालय की ओर से भेजा जाएगा। नगर परिषद को जब गुणवत्ता मापने वाली मशीन मिली तो ऑपरेटर के लिए भी पत्र लिखा गया, लेकिन उसके नहीं आने पर मशीन को ताले में बंद कर दिया गया।
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ऐसे में टूटने वाली तथा बनने वाली सडक़ों की जांच देखकर ही आंकी जा रही है। सीमेंट, रोडी, बजरी समेत अन्य सामान जिस तरह गुणांक में डाला जा रहा है, उसी को ही गुणवत्ता मापा जा रहा है। इसी का नतीजा है कि सडक़ें जल्द ही टूट रही है। ऐसी ही एक सडक़ तेलियान तालाब के पीछे हाल में टूटी है।
हालांकि उसकी मरम्मत कर दी गई, लेकिन ये सडक़ इतनी जल्द नहीं टूटनी चाहिए थी। सडक़ का निर्माण हुए अभी 6 महीने भी पूरे नहीं हुए। इसकी लागत करीब 12 लाख रुपए थी। सडक़ बीच में बैठने पर लोगों ने इसकी शिकायत नगर परिषद से की।
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इस पर मरम्मत कराई गई। दूसरी तरफ अभियंताओं का कहना है कि जब सडक़ का निर्माण हुआ तो भारी वाहन समेत जेसीबी उक्त सडक़ पर चली गई। ये दोनों धार्मिक स्थल पर सामग्री लेकर गए थे। ऐसे में सडक़ टूट गई।

मशीन आई लागत का नहीं पता
मशीन आए करीब 6 महीने हो गए हैं। इसकी लागत की जानकारी सहायक अभियंता फतेह सिंह तथा कनिष्ठ अभियंता कुलदीप को भी नहीं है। वे भी फाइले देखते रहे। इसका नाम कम्प्रेटिव स्टे्रन्थ मशीन है। इस मशीन से ही सडक़ निर्माण की गुणवत्ता मापी जाती है। इसके बाद ही सम्बन्धित फर्मको भुगतान किया जाता है।
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शहर की हर गली में बनती है सडक़ें
शहर की हर गली में नगर परिषद ने सडक़ का निर्माण कराया है। अब तक इनकी गुणवत्ता को क्षेत्रीय अभियंता के आधार पर ही मापा गया है। जबकि नियमों के मुताबिक लैब में जांच तथा मशीन से मापदण्ड लेना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।

जांच कराएंगे
तेलियां तालाब पर बनाई गई सडक़ टूट गई तो जांच कराएंगे। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जांच की मशीन अभी बंद है। उसे भी चालू कराएंगे।
– के. एल. मीणा, अधिशासी अभियंता नगर परिषद टोंक
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