read more:सब्जी मंडी को किया कंडम घोषित, नगर परिषद ने जारी किया मंडी को खाली करने का नोटिस, बाहर बैठेेंगे विक्रेता उल्लेखनीय है कि प्रशासन की अनदेखी के बीच बजरी माफिया, बनास नदी के अथाह बजरी भण्डार को जमीदोह कर दिया था। हालाकि बीसलपुर बांध के पूर्ण भराव व डाउनस्ट्रीम में पानी छोड़े जाने के बाद बनास नदी के घाव फिर भर गए थे। लेकिन पानी कम होने के साथ बजरी खनन माफिया फिर सक्रिय होकर खनन व परिवहन को बखूबी अंजाम दे रहे है।
read more:खुदाई के दौरान कुएं की दीवार ढहने से दो किसान की हुई मौत बनास नदी किनारे बोटूंदा, कंवरावास, मोरभाटियान, छाणबाससूर्या, बरवास, चूली, पालड़ा समेत आसपास क्षेत्र में फिर से चोरी छिपे बजरी खनन शुरू हो गया है। स्थिति यह है कि खनन से जुड़े लोग चोरी छिपे बनास किनारे छिछले क्षेत्र से बजरी खनन करने लगे है।
सूत्रों का कहना है कि बजरी माफिया कार्रवाई से बचने के लिए नीजि खाते की भूमि के स्थान पर सरकारी भूमि का ही उपयोग करते है। जहां दिन के उजाले में जंगली बिलायती बंबूलों की आड़ में ट्रैक्टर ट्रालियों से खुले आम चूली, बोटूंदा समेत अन्य क्षेत्र स्थित सरकारी भूमि (चारागाह व सिवायचक भूमि) पर बजरी का स्टॉक कर रहे है, वही, रात के अंधेरे में ट्रोले व डम्परों के माध्यम से जयपुर व अन्य क्षेत्र में परिवहन करवां रहे है।
read more:बजरी से भरे दो डंपर, ट्रैक्टर-ट्रॉली व रैकी कर रही कार को जब्त कर दो जनों को किया गिरफ्तार स्थिति यह है कि खनन से जुड़े माफियाओं का बजरी खेल, सरकारी भूमि (बनास नदी) से शुरू होकर संग्रहण (स्टॉक) भी चारागाह भूमि पर हो रहा है। यही नहीं पुलिस व परिवहन विभाग की अनदेखी के बीच दौड़ते ओवरलोड बजरी से भरे वाहन से डामरीकरण सडक़े ग्रेवल में तब्दील हो रही है।
हालात यह है कि बरवास, छाणबाससूर्या, बोटूंदा समेत अन्य नदी किनारे स्थित सम्पर्क सडक़े गड्डों में तब्दील हो ई है। वही एक वर्ष पहले निर्मित चूली-बरवास-लाम्बा तथा लाम्बा-दाबड़दुम्बा वाया बावड़ी रतवाई सडक़ मार्र्ग जगह टूट गई है। ग्रेवल में तब्दील सडक़ों पर गड्डे व मिट्टी बिखरी हुई है। परिवहन विभाग ओवरलोड वाहनो पर कार्रवाई नहीं करने से बजरी माफियाओं के हौसले बुलंद है।