उन्होंने कहा कि सांगानेर स्थित संस्थान से अब तक एक हजार से अधिक विद्यार्थी शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त कर देश के कोने-कोने में धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, जो भारत में धर्म के मार्ग का ऐतिहासिक कार्य है। समिति के मुकेश ठग, आशीष जैन ने बताया कि प्रवचन के बाद आए विद्वानों ने श्रीफल भेंटकर मुनि का आशीर्वाद लिया।
इसके बाद मंदिर समिति की ओर से सभी विद्वानों का सम्मान किया गया। सम्मान एवं मुनि का आशीर्वाद पाकर विद्वान गद्गद हो उठे। प्रवचन व सम्मान समारोह के बाद मंगल-गीतों से मुनि की आहारचर्या हुई। आहारचर्या के दर्शन कर श्रद्धालु अभिभूत हो उठे।
आहारचर्या के पुण्र्याजक आवां हाल जयपुर निवासी घनश्याम, ब्रह्मचारी चंदा दीदी बोरखडिय़ा परिवार रहे। सामायिक के बाद देशभर के श्रद्धालुओं ने श्रीफल भेंटकर मुनि का आशीर्वाद लिया। शाम को मुनि ने श्रद्धालुओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
इससे पहले देशभर सये आए श्रद्धालुओं ने मंदिर में भगवान का अभिषेक कर शांतिधारा की। इस मौके पर कोषाध्यक्ष कैलाश ठग, मंत्री पवन धानोत्या, ओमप्रकाश ठग, अशोक धानोत्या, हेमन्त गोयल, भागचन्द गोयल, चन्द्रप्रकाश हरसोरा, पवनकुमार जैन, पदम अजमेरा, मनोज जैन थे।
इधर, दो दिवसीय विद्वत युवां संगोष्ठी के समापन पर देशभर से आए विद्वान मंदिर समिति की ओर से मिले सम्मान एवं मुनि पुंगव सुधासागर का आशीर्वाद पाकर गद्गद हो उठे। समापन समारोह समिति के आशीष जैन व मुकेश ठग ने बताया कि आयोजित समारोह में आशीष जैन शास्त्री, संजय शास्त्री, आनन्द शास्त्री, शेलेन्द्र शास्त्री एवं मुकेश शास्त्री को श्रमण संस्कृति युवां पुरस्कार से नवाजा गया।
इसमें आवां निवासी आशीष जैन शास्त्री सबसे कम उम्र के श्रमण संस्कृति युवां विद्वत पुरस्कार 2018 पाने वाले शास्त्री है। आयोजित विद्वत संगोष्ठी में देशभर के करीब 250 विद्वानों ने भाग लिया।