नमाज काफला जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलवी मोहम्मद सईद अहमद ने अदा कराई। नमाज के दौरान हुई तकरीर में मौलवी मोहम्मद सईद ने कहा कि ईदुलजुहा का पर्व कुर्बानी व भाईचारे का त्योहार है। कुर्बानी हर उस शख्स पर जरूरी है, जिसकी आर्थिक स्थिति ठीक है।
कुर्बानी का एक हिस्सा निर्धनों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि कुर्बानी सिखाती है कि हम बुराइयों से बचे तथा अपनी इच्छाओं की कुर्बानी देकर दूसरों की मदद करें। नमाज के बाद लोगों ने गले मिल एक-दूसरे को मुबारक बाद दी।
इस दौरान ईदगाह में कई राजनीतिक पार्टियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों ने भी नमाजियों को ईदुलजुहा की मुबारकबाद दी। इस दौरान पूर्व टोंक रियासत के के नवाब आफताब अली ने शहर काजी ताहिरुल इस्लाम को शॉल ओढ़ाकर खिलत भेंट की।
इसके बाद घर-घर कुर्बानी की रस्म अदा की गई। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर के.सी. शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अवनीश शर्मा, उपखण्ड अधिकारी सीएल शर्मा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष लक्ष्मण चौधरी, गिरदावर प्रहलाद सिंह, प्रदीप पवांर,रामलाल सेलीवान, तुलसी राम मीना, शंकर लाल कच्छावा, हंसराज गाता, शैलेन्द्र शर्मा सहित कई मौजूद थे।
रात तक चलता रहा दावतों का दौर
नमाज के बाद लोग कुर्बानी की रस्म में जुट गए। शहर में दोपहर से देर रात तक दावतों का दौर चलता रहा। एक घर से दूसरे घर तथा रिश्तेदारों के यहां आना जाना लगा रहा। बाजार में भी दिन भर चहल-पहल रही। कई जगह लगे मेलों में महिलाओं तथा बच्चों ने झूलों का लुत्फ उठाया।
रेंग-रेंगकर चले वाहन
नमाज के बाद बहीर से लेकर घंटाघर मार्ग एक घंटे तक बंद रहा। यहां वाहन रेंग-रेंगकर चलते रहे। जगह-जगह तैनात पुलिसकर्मियों ने अन्य वाहनों को रोककर नमाज से लौट रहे लोगों के वाहन निकाले।
नमाज के बाद बहीर से लेकर घंटाघर मार्ग एक घंटे तक बंद रहा। यहां वाहन रेंग-रेंगकर चलते रहे। जगह-जगह तैनात पुलिसकर्मियों ने अन्य वाहनों को रोककर नमाज से लौट रहे लोगों के वाहन निकाले।