इसमें श्रीजी को 148 अघ्र्य सहित श्रीफल चढ़ाए गए। शास्त्र सभा में बताया कि मानव को भगवान की भक्ति में छल कपट नहीं करना चाहिए। चेतालय समिति अध्यक्ष तेजमल जैन ने बताया कि शाम को चंद्रप्रभु भगवान को रजत जडि़त समोशरण में विराजमान कर कलशाभिषेक किया गया।
श्रीजी के चरणों में रखी गई माला को श्रावक श्रेषठी को पहनाया गया। साथ ही श्रीजी की आरती की गई। रात को सांस्कृतिक कार्यक्रममें कौन बनेगा धर्म ज्ञानी का आयोजन किया गया। इसमें मंजू गट्टी, बीना, शीला, हेमा आदि मौजूद थी।
उत्तम आर्जव धर्म
उनियारा. जैन मंदिरों में दस लक्षण पर्व को लेकर रविवार को आर्जव धर्म की पूजा की गई। शीतलनाथ दिगम्बर जैन मंदिर एवं अग्रवाल जैन चैत्यालय में सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। जैन सरावगी समाज के अध्यक्ष अशोक सौगाणी ने बताया कि मंदिर में सुबह से शीतलनाथ एवं सुपाŸवनाथ भगवान की शांतिधारा कर उत्तम आर्जव धर्म की पूजा अर्चना की गई। शाम को कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है।
इस अवसर पर समाज के दीपक पाटोदी, राहुल सौगाणी, मनोज पाटोदी, अवधेश लुहाडिय़ा, कमल कासलीवाल, बबलू कासलीवाल, अभिनव छाबड़ा, पिन्टू गोधा, मनिष लुहाडिय़ा मौजूद थे।
टोडारायसिंह. कस्बे समेत ग्रामीण क्षेत्र स्थित जैन मंदिरों में रविवार को दक्षलक्षण पर्व के तहत मंदिरो में विशेष पूजा की गई है। कार्यक्रम के तहत श्रीआदिनाथ जैन मंदिर, शांतिनाथ जिनालय, नेमीनाथ जैन मंदिर, जैन चैताल्य समेत अन्य जैन मंदिरों में शांति धारा व पंचामृत अभिषेक कर भगवान के समक्ष आर्जव धर्म तथा देवशास्त्रों की पूजा की गई। इधर, पंवालिया, उनियाराखुर्द स्थित जैन मंदिर में पयूर्षण पर्व के तहत आर्जव धर्म की पूजा की गई।
आहारचर्या साधू जीवन की कठिन साधना
बंथली. दूनी के पुराने बंथली मार्ग स्थित सुधासागर वाटिका में सुदर्शनोदय तीर्थ स्थल आवां में दस दिवसीय श्रावक संस्कार शिविर में हिस्सा ले रहे श्रावकों ने रविवार को आहारचर्या की। पवनकुमार जैन ने बताया कि आहारचर्या साधु जीवन की कठीन साधना है।
समाज अध्यक्ष चेतनकुमार जैन ने बताया कि आहार चर्या से पूर्व वाटिका में दो दर्जन से अधिक श्रावकों का समाज के लोगों ने पाद-प्रक्षालन करवाया। इस दौरान प्रेमचन्द अजमेरा, भागचन्द जैन, दीपक जैन, अनिल अजमेरा थे।