read more:एक पखवाड़े बाद मिली सैनिक को लापता हुई पत्नी, मिलते ही छलक पड़े आंसू उल्लेखनीय है कि नवम्बर से मार्च तक एक ओर जहां पानी में कलर (रंग) 17 टीसीयू (ट्ररु कलर यूनिट) होता था, वहीं अब जून में पानी की मात्रा घटने से बढकऱ 25 टीसीयू हो गया है।
इसी प्रकार पानी की ट्रबोलिटी(मिट्टी का अंश) नवम्बर से पूर्व पानी के भराव के समय 5 से 7 एनटीयू (नेफ्लोमेट्रिक ट्रबोलिटी यूनिट) था, जो अब बांध में जलस्तर की गिरावट के साथ ही बढकऱ 9 से 10 एनटीयू हो गया है।
read more:Govt Jobs: 8वीं पास के लिए सरकारी नौकरियां, फटाफट करें अप्लाई बीसलपुर टोंक-उनियारा-पेयजल परियोजना के राजमहल फिल्टर प्लांट के प्रोजेक्ट मैनेजर शादाब खान ने बताया कि पहले एक माह में पानी से करीब 200 किलो स्लज (कचरा) निकलता था, जो अब बढ़ कर 600 किलो हो गया है।
इसी प्रकार पूर्व में पानी को फिल्टर करने के लिए 8 से 10 पीपीएम(पाट्र्स पर मिलियन) फिटकरी का डालनी पड़ती थी, जो अब बढ़ाकर 18 से 20 पीपीएम डालनी पड़ रही है।
घट रहा पानी बढ़ रही मांग-
बीसलपुर-टोंक-उनियारा पेयजल परियोजना के तहत नवम्बर से पहले प्रति माह बांध से लगभग 720 मिलियन लीटर पानी लिया जा रहा था, लेकिल बांध में पानी का जलस्तर घटने के साथ ही उच्चाधिकारियों के निर्देश पर नवम्बर में माह में पानी की मात्रा घटाकर 532.8 मिलियन लीटर कर दी गई।
read more:राजस्थान का यह सरकारी विभाग जल संरक्षण की अनूठी नजीर पेश कर बचा रहा लाखों लीटर पानी दिसम्बर में 542.9 मिलियन लीटर लिया गया। जनवरी में 535.9 मिलियन लीटर, फरवरी में 490.3मिलियन लीटर मार्च में 554.5 मिलियन लीटर व मई जून में गर्मी के साथ ही पानी की मांग बढऩे पर वापस बढ़ाकर 618.3 मिलीयन लीटर पानी दिया जा रहा है।
आरक्षित का आधा पानी ही हो सप्लाई-
बीसलपुर बांध से टोंक जिले की बीसलपुर-टोंक-उनियारा पेयजल परियोजना के प्रथम व द्वितीय चरणों के तहत गांव व कस्बों में जलापूर्ति के लिए बांध से रोजाना 48 एमएलडी पानी लेना आरक्षित है, लेकिन बांध में पानी की कमी के कारण योजना के तहत अभी महज 19 से 20 एमएलडी पानी ही लिया जा रहा है।
योजना के प्रथम चरण में टोंक, देवली व उनियारा शहरों को जलापूर्ति से जोडऩा था। वहीं द्वितीय चरण में 464 गांव व कस्बों में जलापूर्ति करना था, लेकिन द्वितीय चरण के तहत अभी 224 गांव व कस्बे ही योजना से जुड़े है। शेष गांव व कस्बों में अभी पाइप लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है।
तीन पम्प आए बाहर- बीसलपुर-टोंक-उनियारा पेयजल परियोजना के बीसलपुर इंटेक पम्प हाऊस पर कुल नौ पम्प सैट लगे हुए है, जो बारी बारी से चलते है, लेकिन इन दिनों तीन पम्प सैट पानी की कमी के चलते उपर रह गये है। अब 6 पम्प सैट ही चालु है। ये पम्प सैट पानी के निचली सतह तक है। इनमें एक से दो पम्प सेट खराब होने पर जलापूर्ति में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।
इनका कहना है- पानी में मिट्टी की मात्रा बढ़ी है, लेकिन कम्पनी की ओर से फिटकरी व केमिकल की मात्रा बढ़ाकर पानी का कलर एक टीसीयू व ट्रबोलिटी शून्य कर पानी को पूर्ण शुद्ध किया जा रहा है।
शादाब खान, प्रोजेक्ट मैनेजर, एलएण्डटी कम्पनी बीसलपुर-टोंक-उनियारा पेयजल परियोजना।
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