चिकित्सक के अभाव में क्षेत्र के मरीजों को स्थानीय झोलाछाप से महंगे दामों पर उपचार कराने या फिर गंभीर बीमारी में दूनी, देवली व टोंक के सरकारी-निजी अस्पताल में अधिक समय व राशि खर्च कर उपचार कराने को मजबूर होना पड़ रहा हैं।
उल्लेखनीय हैं कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्य चिकित्सक लक्ष्मीनारायण शर्मा मेडिकल कॉलेज में पीजी करने गए हुए हैं तो कई माह से एक मेलनर्स प्रथम देवली व एलएचवी दूनी स्वास्थ्य केन्द्र पर लगे हुए हैं। साथ ही एक मेलनर्स द्वितीय का पद कई माह से रिक्त चल रहा हैं।
स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत एएनएम अधिकतर कार्य को लेकर बाहर व वार्ड ब्वाय व संविदा में लगा कम्प्यूटरकर्मी अपने कार्य में व्यस्त रहते हैं इस पर कार्यरत लैब-टेक्नीशियन को ही मरीजों की जांच कर उपचार करना पड़ रहा हैं। इससे मरीजों को पूर्ण उपचार नहीं मिल रहा है।
लूट रहे मरीजों को
चिकित्सक के अभाव में मरीज कस्बे में वर्षों से जमे झोलाछाप चिकित्सकों के पास उपचार कराने को मजबूर हैं। जहां उक्त झोलाछाप मरीजों उपचार के नाम पर मोटी राशि लूट रहे हैं। हालांकि पांच-छह वर्ष पूर्व चिकित्सक गोपाल मीणा की ओर से पुलिस का सहयोग लेकर कार्रवाई की थी, लेकिन फिर से उन्होंने कस्बे में अपने पैर जमा लिए।
चिकित्सक के अभाव में मरीज कस्बे में वर्षों से जमे झोलाछाप चिकित्सकों के पास उपचार कराने को मजबूर हैं। जहां उक्त झोलाछाप मरीजों उपचार के नाम पर मोटी राशि लूट रहे हैं। हालांकि पांच-छह वर्ष पूर्व चिकित्सक गोपाल मीणा की ओर से पुलिस का सहयोग लेकर कार्रवाई की थी, लेकिन फिर से उन्होंने कस्बे में अपने पैर जमा लिए।
बदतर हालात क्षेत्र की प्रसुता, गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज व दुर्घटना में घायलों की हैं। दूनी में महिला चिकित्सक नहीं होने व अन्य सुविधाएं नहीं होने से उन्हें देवली व टोंक स्थित सरकारी-निजी अस्पतालों में उपचार कराने को मजबूर होना पड़ रहा हैं।
नहीं है ठिकाना
ग्रामीण क्षेत्र में स्थित चिकित्सालयों में लगे चिकित्सकों के निर्धारित समय के बाद आने व समय से पूर्व मुख्यालय छोडकऱ चले जाने से मरीजों को उपचार के लिए भटकना पड़ रहा हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में स्थित चिकित्सालयों में लगे चिकित्सकों के निर्धारित समय के बाद आने व समय से पूर्व मुख्यालय छोडकऱ चले जाने से मरीजों को उपचार के लिए भटकना पड़ रहा हैं।
गौरतलब है कि क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सीतापुरा, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र देवड़ावास व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र धुवांकला में चिकित्सक कार्यरत हैं ,लेकिन मरीजों को उनके आने व जाने का पता नहीं चलता। मरीज केन्द्रों के चक्कर लगाकर कई किलोमीटर दूर तहसील, उपखण्ड एवं जिला मुख्यालय स्थित अस्पतालों के चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं।