सूत्रों के अनुसार 27 जून की रात को उपखंड अधिकारी जेपी बैरवा, पुलिस उपाधीक्षक अंजुम कायल, तहसीलदार ज्ञानचंद जैमन, सदर थानाधिकारी मुकेश यादव, खनिज विभाग के फोरमैन और परिवहन विभाग के निरीक्षक सहित कई कर्मचारियों ने कार्रवाई कर 2 ट्रैक्टर जब्त कर पटवारियों को सुपुर्द कर संरक्षण की जिम्मेदारी दी थी।
उसके बाद एक ट्रेलर को जब्त किया गया, जिसके संरक्षण का जिम्मा पुलिस उपाधीक्षक ने अपनी टीम के साथ लिया। रात भर ट्रेलर को अपनी निगरानी में रखा और सुबह थाना निवाई ले आए। उधर पटवारियों को सुपुर्द किए गए 2 ट्रैक्टर में से सिर्फ एक ट्रैक्टर ही निवाई थाने पर लाया गया और दूसरा ट्रैक्टर कहा गया इसका किसी को कोई पता नहीं चला।
प्रशासन ने इस मामले में ट्रैक्टर चालक के खिलाफ अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं करवाई। वहीं संबंधित पटवारी के खिलाफ भी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। इस संबंध में तहसीलदार ज्ञानचंद जैमन का कहना हैं कि 27 जुलाई को संयुक्त कार्रवाई में बजरी माफिया के विरुद्ध कार्रवाई में 2 ट्रैक्टर और एक ट्रेलर जब्त किए थे, लेकिन एक ट्रैक्टर चालक वाहन को भगा कर फरार हो गया। पुलिस उपाधीक्षक अंजुम कायल से 2 बार मोबाइल से सम्पर्क किया गया पर फोन रिसीव नहीं किया।
जवाब मांगते सवाल
– ट्रैक्टर चालक के वाहन सहित फरार होने पर मामला क्यों दर्ज नहीं कराया गया।
– तहसीलदार ने उच्चाधिकारियों को क्यों नहीं कराया गया।
– संबंधित पटवारी की लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
-खनिज विभाग के फौरमैन ने उपखण्ड अधिकारी को क्यों अवगत नहीं कराया।