शुक्रवार को सीआईडी सीबी अजमेर के एएसपी शर्मा टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और प्रत्यक्षदर्शियों की निशानदेही पर साक्ष्य जुटाए। इस दौरान टोंक से भी एफएसएल टीम को बुलाया गया। जहां उनके द्वारा मौके पर पड़े साक्ष्यों और सबूतों के नमूने लिए गए। इस दौरान लकड़ी का फंटा, मृतक की चप्पलेंं, ट्रैक्टर की सीट व दरी, ट्रैक्टर ट्रॉली को भी जब्त किया गया। जांच टीम में कांस्टेबल रविंद्र कुमार यादव, हनुमान सिंह, समुद्र सिंह एवं फ ॉरेंसिक टीम से एसएसओ नीलम जैन मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि गत दिनों टोंक जिले के नगरफोर्ट थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुरा गांव में ट्रैक्टर-ट्रॉली का पीछा कर रही उनियारा थाना पुलिस ने पीटपीट कर चालक की हत्या कर दी। ये आरोप लगाकर मृतक के परिजनों ने नगरफोर्ट चिकित्सालय में प्रदर्शन किया।
परिजनों ने पहले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर शव को एम्बुलेंस से नहीं उतरने दिया। ऐसे में शव लेकर एम्बुलेंस नगरफोर्ट चिकित्सालय परिसर में खड़ी रही। मामले के अनुसार मृतक फतेहगंज परासिया थाना उनियारा निवासी रामभजन (30) पुत्र हरपाल मीना है।
परिजनों का आरोप है कि रामभजन खाली ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर बोसरिया से गणेती गांव जा रहा था। इस दौरान उनियारा थाना पुलिस ने उसका पीछा किया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को नगरफोर्ट थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुरा गांव में रोक लिया और चालक रामभजन के साथ मारपीट की।
मारपीट के चलते रामभजन का खून टै्रक्टर की सीट तथा स्टेयरिंग पर भी लगा है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने ट्रॉली में रखे फंटे से रामभजन के सिर पर वार किया। इसके चलते फंटे पर भी खून के निशान लगे हैं।
बाद में पुलिस ने एम्बुलेंस बुलाई और दुर्घटना बताकर रामभजन को नगरफोर्ट चिकित्सालय के लिए रवाना कर दिया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने के बाद ग्रामीण एकत्र हो गए और शव को एम्बुलेंस से नहीं उतरने दिया।