read more: मोतीसागर बांध में चल रही आधा फीट चादर, बांध पर नहीं है सैलानियों की सुरक्षा का प्रबंध जिससे जहां किसानों में खुशी की लहर देखी जा रही है। वहीं वातावरण में भी ठंडक व्याप्त हो गई है। हांलाकि लगातार बरसात से मकानों में सिलन फूटने लगी है। कई सैकड़ों मकान टपकने लगे है। साथ ही कई कच्चेें मकान भी क्षतिग्रस्त हुए है। लेकिन जानमाल के खतरे की सूचना अभी तक प्राप्त नही हुई है।
इधर जल संसाधन विभाग के बाढ नियंत्रण कक्ष प्रभारी एवं कनिष्ठ अभियन्ता रबिना मीणा ने बताया कि रविवार को सुबह साढे 8 बजे समाप्त हुए पिछले 24 घंटो के दौरान गलवा बांध पर 10, गलवानिया बांध पर 35 तथा ठिकरिया बांध पर 30 एमएम बरसात दर्ज की गई। जबकि बरसात से श्योदानपुरा बांध (17) फीट एवं ठिकरिया बांध (4) मीटर तथा दूधीसागर (9) फीट लबालब होकर तीनों की चादर चलना शुरू हो गया है।
read more: न्यायालय ने भू-अभिलेख निरीक्षक के तबादले पर रोक लगा कलक्टर से मांगा जवाब श्योदानपुरा की 3 इंच, ठिकरियां बांध की 1 इंच तथा दूधीसागर की 2 इंच की चादर चल रही है। उन्होने बताया कि उपखण्ड क्षेत्र के सबसे बडे गलवा बांध (20) फीट में सुबह 17.3 फीट जलस्तर था जो शाम को 4 बजे बढकर 17.6 फीट हो गया। जबकि बांध में पानी की आवक लगातार बनी हुई है।
अन्य बांधों में गलवानिया (14) फीट में 9 इंच आवक के बाद 12.3 फीट, तथा कुम्हारिया बांध (4.25) मीटर में 15 सेमी की आवक के बाद 4.15 मीटर जलस्तर हो गया है। उन्होने बताया कि सभी बांध सुरक्षित है। इन पर दिनरात विभागीय कर्मचारियों द्वारा गश्त करवाई जा रही है।