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टीकमगढ़

अनोखी भक्ति: चावल के दानों पर लिख रहे रामायण

14 माह में तीन कांड हुए पूर्ण, 1300 घंटे का लगा समय, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड ने आवेदन किया मान्य

टीकमगढ़Nov 23, 2023 / 11:46 am

anil rawat

Unique devotion: Ramayana being written on rice grains

चावल के दानों पर रामायण लिखते जीवन।

टीकमगढ़. मोबाइल में रील्स देखते हुए हनुमान जी के वृद्धावस्था में रामायण लेखन की फोटो देखी तो जीवन शर्मा के मन में भी ऐसी भक्ति जागी कि उन्होंने चावल के दानों पर रामायण लिखने का प्रण ले लिया। जीवन पिछले 14 माह से प्रति दिन तीन से साढ़े तीन घंटे इस साधना में लगे है और अब तक रामायण के तीन कांडों को चावल के दानों पर उतार चुके है। उनके इस प्रयास का लोहा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड ने भी माना है और उनका आवेदन स्वीकार कर लिया है।


स्थानीय महावीर रेजीडेंसी में निवास करने वाले जीवन शर्मा स्वास्थ्य विभाग में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर है। भगवान में आस्था रखने वाले जीवन शर्मा का जीवन मोबाइल की एक रील ने बदल दिया। रील में हनुमान जी को रामायण का लेखन करते देख उनके मन में विचार आया और उन्होंने चावल के दानों पर रामायण लिखना शुरू कर दिया। जीवन पिछले 14 माह से यह काम कर रहे है। जीवन बताते है कि काम से लौटने के बाद रात को जब परिवार के सभी सदस्य सो जाते है तो वह रात्रि 10 बजे से लेखन शुरू करते है। प्रति दिन वह तीन से साढ़े तीन घंटे लेखन करते है। अब तक वह 1300 घंटे में बाल कांड, अयोध्या कांड और अरण्य कांड पूरा कर चुके है। उनका कहना है कि आगामी पांच माह में वह किष्किंधा, सुंदरकांड, लंका और उत्तर कांड पूरा कर लेंगे।

 

Unique devotion: Ramayana being written on rice grains
IMAGE CREDIT: patrika

कठिन यह चावल पर लिखना
जीवन बताते है कि चावल पर लेखन करना कठिन है। इसके लिए वह 0.1 एमएम के स्याही वाले पेन और मैग्निफाइंग ग्लास का उपयोग करते है। चावल के एक दाने पर अधिकतम 4 अक्षर ही लिख पाते है। इसके लिए वह पहले चौपाई के शब्द गिनते है और उसके अक्षरों के अनुसार चावल को कागज पर चिपकाते है। इसके बाद लेखन शुरू करते है। फिर अगली चौपाई के लिए यही क्रम अपनाते है। जीवन का कहना है कि रामायण के पहले श्लोक से आरती का खिलने का प्रण लिया है।

 

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IMAGE CREDIT: patrika

सात्विक जीवन जी रहे जीवन
जीवन बताते है कि यह सब हनुमान जी महाराज की कृपा से हो रहा है। ऐसे में वह पूरी तरह से सात्विक जीवन अपना रहे है। बिना लहसुन-प्याज का सादा भोजन करने के साथ ब्राह्मचर्य का पालन कर रहे है।


आवेदन हुआ मान्य
जीवन बताते है कि अयोध्या कांड होने के बाद मन में विचार आया तो जुलाई में उन्होंने इसके लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में आवेदन किया। 20 अक्टूबर को उनका यह आवेदन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड वालों ने मान्य कर लिया है। अब रामायण का लेखन पूरा हो जाने के बाद वह अपने पूरे दस्तावेज वहां भेजेंगे। उनका कहना था कि अब तक इस प्रकार का प्रयास किसी के द्वारा न किए जाने से यह आवेदन मान्य किया गया है।

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