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टीकमगढ़

पीएम और सीएम सड़कें हुई खस्ताहाल, 8 टन की सड़कों पर 30 से 40 टन का हो रहा परिवहन

ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें अवैध रेत और गिट्टी परिवहन से खस्ताहाल हो गई है।

टीकमगढ़Oct 18, 2019 / 08:08 pm

akhilesh lodhi

 Roads will be transformed into pits if maintenance is not taken care of on time

Roads will be transformed into pits if maintenance is not taken care of on time

टीकमगढ़.ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें अवैध रेत और गिट्टी परिवहन से खस्ताहाल हो गई है। ८ टन की सड़कों से ३० से ४० टन वजनी रेत के डम्परों को निकालने से सड़कों की हालत नाजुक हो गई है। अगर समय पर खजिन और प्रशासन द्वारा गिट़्टी और रेत के वाहनों को नहीं रोका गया तो सड़कों की स्थिति १५ साल पुरानी की तरह हो जाएगी। जबकि ग्रामीण प्रधानमंत्री सड़क कार्यालय ने प्रशासन को लिखित में पत्र दिया है।
केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा भले ही शहर से लेकर गांव-गांव तक पक्की सड़कों का जाल बिछा दिया है। लेकिन खनिज कारोबारियों ने सड़कों को खस्ताहाल कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों हैक्टेयर जमीनों की मिट़्टी को खोदकर रेत बनाई जा रही है। यह मिट्टी चाहे वन विभाग की हो या फिर किसान के खेत की। राजस्व से बचने के लिए ८ टन की डिजाइनिंग वाली सड़क से रेत कारोबारी ३० के डम्परों का वजन लोड करके निकाल रहे है। इससे प्रधानमंत्री सड़क और मुख्यमंत्री सड़क तो टूट रही है। इसके साथ ही राजस्व को भी हानि पहुंच रही है।
इन सड़कों की हालत हो खराब
बुडेरा थाना क्षेत्र के दरगुवां से पौटेया, सागर रोड़ हाइवें मदनपुर गांव से पातरखेरा, अजनौर से सापौन, सुंदरपुर से पठलाखेरा, मातौली तिगैला से मातौली, ढोंगा से हनुमानसागर, अनंदपुरा से बडौरा घाट, हीरानगर से कांटी, एरौरा से मिडाबली, पटौरी से हटा, खरगापुर से कुलीडा, डारगुवां से मलगुवां, लिधौरा से खरौ, गौटेट से चंदेरा, मुहारा से गरौली, चंदेरा तिगैला से पैतपुरा, दिगौड़ा से धामना, लिधौरा से दिगौड़ा, कुण्डेश्वर से जुडावन, अस्तौन से खिरिया सहित दर्जनों गांवों की सड़कों टूट चुकी है।

जर्जर हो चुकी सड़कें
ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्य सड़कों से जोडऩे के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सड़कों को बनाया गया है। यह सड़कें वाहन सहित ८ टन से अधिक वजन नहीं झेल सकती। उससे अधिक वजन पर यह सड़कें टूटने की स्थिति में आ जाएगी। लेकिन इन दिनों रेत कारोबारियों द्वारा ८ टन की सड़क से ३० से ४० टन वजनी डम्परों को निकाला जा रहा है। जो समय के पहली ही टूट रही है। जहां ग्रामीणों के साथ ठेकेदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इनका कहना
जिले में ३७३ ग्रामीण प्रधानमंत्री सड़क ों की डिजाइनिंग की गई है। इन सड़कों से ८ टन से अधिक वजनी वाले वाहनों का परिवहन होता है। जिससे सड़कें टूट रही है। सड़कों को बचाने और उन वाहनों को रोकने के लिए प्रशासन को पत्र दिया गया है।
सत्येंद्र श्रीवास्तव जीएस ग्रामीण प्रधानमंत्री सड़क परियोजना टीकमगढ़।
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