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दो दिन दो पार्षदों ने बदले सुर, फिर अध्यक्ष के साथ हुए खड़े

locationटीकमगढ़Published: Feb 20, 2019 09:04:28 pm

Submitted by:

anil rawat

दो दिन पूर्व नपाध्यक्ष का विरोध करने वाले पार्षद अब उनके कसीदें पढ़ रहे है

President Recall's Big Drama

President Recall’s Big Drama

टीकमगढ़. नपाध्यक्ष के रीकॉल के लिए दिए गए आवेदन के बाद बुधवार को कलेक्ट्रेट में एक बार फिर से इसका ड्रामा देखने को मिला। सोमवार को रीकॉल के लिए कलेक्टर को आवेदन देने, शपथ-पत्र के साथ कथन करने के बाद बुधवार को दो पार्षदों के सुर अचानक से बदल गए और वह अध्यक्ष के पक्ष में खड़े दिखाई दिए।
सोमवार को नगर पालिका के 21 पार्षदों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर नपाध्यक्ष लक्ष्मी गिरि पर आविश्वस जाहिर करने के साथ ही उन्हें रिकॉल करने की मांग कलेक्टर से की थी। 21 पार्षदों के एक साथ कलेक्ट्रेट पहुंचने पर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अध्यक्ष के रीकॉल के लिए सभी पार्षदों के शपथ-पत्र, उनके आईकार्ड जमा कराने के साथ ही उनके कथन भी पंजीबद्ध कराए थे। इसके साथ ही इस पूरी प्रक्रिया की वीडियाग्राफी कराई गई थी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पार्षदों के कथन पंजीबद्ध कराने के लिए कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर सीपी पटेल को यह काम सौंपा था।
हुआ बेरीफिकेशन: इस प्रक्रिया के तहत बुधवार को रीकॉल के आवेदन में जिन सात पार्षदों ने अपने हस्ताक्षर किए गए थे कलेक्टर ने बेरीफिकेशन के लिए उन्हें बुलाया था। यहां पर सीएमओ ओपी दुबे ने सभी पार्षदों की पहचान करने के साथ ही उनके हस्ताक्षरों से मिलान किया था। बुधवार को दिन में चली इस प्रक्रिया के कारण यहां पर चहल-पहल बनी रही और विरोध करने वाले पार्षद इस प्रक्रिया को पूरा कराने में लगे रहे थे।

शाम को शुरू हुआ ड्रामा: दिन में हुई बेरीफिकेशन की प्रक्रिया के बाद शाम को 5 बजे रीकॉल की प्रक्रिया का बड़ा ड्रामा शुरू हो गया। अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास जता कर दो दिन पूर्व जो पार्षद उनके रिकॉल का समर्थन कर रहे थे, वह अचानक से बदल गए। बुधवार की शाम को वार्ड क्रमांक 2 की पार्षद इंदिरा तिवारी एवं वार्ड 23 के पार्षद अब्दुल जाहिद ने अपने शपथ-पत्र देकर कहा कि वह इसके पक्ष में नही है। इन दोनों पार्षदों का कहना था कि उन्हें बहला-फुसला कर, उनसे शपथ-पत्र पर हस्ताक्षर कराए गए थे। इन दोनों पार्षदों का कहना था कि वह अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास में साथ है, लेकिन रीकॉल नही चाहते है।
चल रही चर्चाएं: दो दिन के भीतर पार्षदों के इस तरह बदलने के बाद हर जगह तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही है। पूरे कलेक्ट्रेट में ही इस ड्रामा को लेकर लोग चर्चा करते दिखाई दिए। दो पार्षदों द्वारा रीकॉल से खुद को ूदूर करने के बाद समझा जा रहा है कि यह प्रक्रिया अब यही खत्म हो जाएगी। क्यों कि अध्यक्ष के रीकॉल के लिए तीन-चौथाई पार्षदों का होना जरूरी है। नपा में जहां 27 पार्षद है, वहीं अध्यक्ष को मिलाकर कुल 28 वोट होते है। इसमें अध्यक्ष को रीकॉल करने के लिए 21 पार्षदों का होना आवश्यक है, लेकिन बुधवार को 2 पार्षदों को खुद को इससे अलग करने पर अब रिकॉल संभव होता नही दिखाई दे रहा है।
की जाएंगी जांच: वहीं इस मामले में कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन का कहना था कि उनके पास अभी इन पार्षदों के इस प्रकार के शपथ-पत्र नही आए है। यदि वह दे गए है तो इनका भी सत्यापन कराया जाएगा। इसके बाद ही कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी।
7 दिन से चल रहा ड्रामा: नगर पालिका का यह ड्रामा पिछले 7 दिनों से चल रहा है। 14 फरवरी को नगर पालिका का सामान्य सम्मेलन होने पर इसका सभी पार्षदों ने विरोध किया था। सम्मेलन में उपस्थित लगभग 21 पार्षदों में से 20 ने यहा पर जमकर विरोध किया था और बजट सहित एक भी प्रस्ताव पास नही हो सका था। इसके बाद सभी पार्षदों ने नपाध्यक्ष के लिए खिलाफ अविश्वास जाहिर किया था।
कहते है अधिकारी: अभी इन पार्षदों के शपथ पत्र मेरे संज्ञान में नही आए है। यदि ऐसे शपथ पत्र दिए है तो उनका भी सत्यापन कराया जाएगा। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।- सौरभ कुमार सुमन, कलेक्टर।
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