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टीकमगढ़

सिंचाई विभाग की जमीन बेचने का मामला, दोषियों पर होगी एफआईआर

सिंचाई विभाग की जमीन की फाइल फिर खुली, निरस्त किया जाएगा नामांतरण

टीकमगढ़Jan 04, 2024 / 11:35 am

anil rawat

Case of selling land of irrigation department

Case of selling land of irrigation department

टीकमगढ़. सिंचाई विभाग की जमीन बेचने के मामले को गंभीरता से लेते हुए कलक्टर अवधेश शर्मा ने इसकी जांच कर नामांतरण निरस्त करने के निर्देश दिए थे। इस पर कलक्टर ने इसकी फाइल को रिव्यू करने एवं नामांतरण निरस्त कर दोषियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। इस पूरे मामले की जांच कर रहे एसडीएम का कहना है कि एक सप्ताह के अंदर इस मामले में जांच के बाद एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी।


बानपुर रोड़ स्थित सिंचाई विभाग की कुल 3.08 हैक्टेयर जमीन बेचने का मामला सामने आया था। इस जमीन को वर्ष 2015 में बेच दिया गया था। उस समय प्रशासन के संज्ञान में मामला आने पर इसके नामांतरण पर रोक लगाई गई थी और जांच के निर्देश दिए गए थे। लेकिन सिंचाई और राजस्व विभाग की लापरवाही से इसका नामांतरण भी कर दिया गया था। यह मामला प्रशासन के संज्ञान में आने पर कलक्टर अवधेश शर्मा ने इस पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए है। कलक्टर शर्मा ने एसडीएम संजय जैन को इस पूरे मामले की जांच करने को कहा है। विदित हो कि इस मामले में पत्रिका ने 22 दिसंबर के अंक में खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

ओपन हुई फाइल
इस मामले की जांच कर रहे एसडीएम संजय जैन ने बताया कि कलक्टर ने इस मामले में रिव्यू की अनुमति दी है। उनका कहना है कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। यह सब गड़बड़झाला क्रेता और विक्रेता से शुरू किया गया है। उनका कहना है कि इस मामले में जांच के बाद एक-दो दिन में इसका नामांतरण निरस्त किया जाएगा। इसके साथ ही जांच के बाद इसमें जो-जो लोग भी दोषी होंगे सबके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। उनका कहना था कि प्रथम दृष्टया इसमें क्रेता और विक्रेता के साथ ही पटवारी, तहसीलदार की लापरवाही दिखाई दे रही है। उनका कहना था कि एक सप्ताह में जांच के बाद सब कुछ साफ हो जाएगा।


यह है मामला
सन 1966 में सिंचाई विभाग के ऑफिस के साथ ही कॉलोनी के लिए बानपुर मार्ग पर जमीन ली गई थी। प्रशासन द्वारा यहां पर खसरा नंबर 451 से 455 तक कुल रकवा 3.08 हैक्टेयर जमीन तुलसिया काछी और दुर्गाप्रसाद काछी से ली गई थी। इसके एवज में भूअर्जन की राशि के रूप में इन दोनों को 867.60 रुपए का भुगतान भी किया गया था। तब से लेकर आज तक यहां पर सिंचाई विभाग काबिज है। इसके बाद इस जमीन को लेकर फर्जीवाड़ा करते हुए राजस्व रिकार्ड में छेड़छाड़ कर 2015 में इसे बेच दिया गया था।


कहते है अधिकारी
इस पूरे मामले की फाइल को रिव्यू कर जांच करने के निर्देश दिए गए है। एसडीएम इसकी जांच कर रहे है। जल्द ही पूरे मामले का निराकरण कर जमीन सिंचाई विभाग के नाम दर्ज कराने के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।- अवधेश शर्मा, कलक्टर, टीकमगढ़।

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