मंगलवार को पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव ने अपने निवास पर एक पत्रकारवार्ता का आयोजन किया। इसमें उन्होंने जिले में खड़े हो रहे पेयजल संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब वह नगर पालिका अध्यक्ष तो उन्होंने नगर के लिए नवीन जलावद्र्धन योजना प्रारंभ कराई थी। इसी तर्ज पर उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में भी पेयजल संकट के स्थाई समाधान के लिए समूह नलजल योजना स्वीकृत कराई थी। उन्होंने कहा कि सिर्फ टीकमगढ़ विधानसभा की 69 ग्राम पंचायतों के 165 गांवों के लिए सरकार ने 274 करोड़ की इस योजना को स्वीकृति दी दे दी थी। लेकिन अब कांग्रेस सरकार आने के बाद इसके लिए बजट आवंटित नही किया जा रहा है। उनका कहना है कि यह योजना किसी पार्टी विशेष की नही है, यह जनता से जुटी योजना है। इसमें राजनीति नही होनी चाहिए।
सतही जल से ही समस्या का निदान संभव: केके श्रीवास्तव ने कहा कि यह बात साफ हो चुकी है कि जिलें में भूमिगत जल संसाधन सफल नही है। यहां पर भूमिगत जलस्तर है ही नही। उनका कहना है कि भूमिगत जल न होने के कारण ही राजशाही दौर में जिले में तालाबों की पूरी ***** श्रंखलाएं बनाई थी। जिले की जल समस्या का निदान केवल सतही जल संरक्षण से संभव है। बांधनसुजारा के साथ ही जिले में अन्य योजना भी बनाई जानी चाहिए। इसके लिए सभी पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए।
किया जाएगा आंदोलन: उन्होंने कहा कि यदि एक वर्ष के भीतर सरकार समूह जलप्रदाय योजना के लिए बजट नही देती है तो आंदोलन किया जाएगा। जिले से लेकर विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास तक आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि उनके द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में चलाई गई मिशन भागीरथी योजना को भी बंद कर दिया गया है। पत्रकारवार्ता में भाजपा उपाध्यक्ष मनोज देवलिया सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।