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टीकमगढ़

बर्बाद हो रहा ८० लाख रुपए, ट्रस्ट के पास बिल भरने फंड नहीं, त्योहारों पर टीसी कनेक्शन से चला रहे काम

कुण्डेश्वर रोड के किनारे लगाए गए बिजली खंभों की लाइटों का नहीं है कनेक्शन

टीकमगढ़May 02, 2024 / 07:51 pm

akhilesh lodhi

कुण्डेश्वर रोड के किनारे लगाए गए बिजली खंभों की लाइटों का नहीं है कनेक्शन

टीकमगढ़.शहर से कुण्डेश्वर तक और मेला मैदान के साथ जमडार घाट पर ३०० से अधिक बिजली के खंभों को वर्ष २०२० में बेस तैयार करके स्थापित किया था। उनके लिए तीन मदों से ८० लाख रुपए की राशि आवंटित की गई थी। लेकिन वह राशि बर्बाद हो रही है। उसके उजाले के लिए कुण्डेश्वर ट्रस्ट के पास राशि नहीं है। त्योहार पर टीसी कनेक्शन लेकर उनको जला रहे है। खास बात तो यह है कि जब ट्रस्ट के पास बिल भरने के लिए फंड नहीं है तो योजना को तैयार ही क्यों किया। अगर समय रहते इनको तैयार नहीं किया गया तो यह सामग्री खराब हो जाएगी। जिस पर जिला प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
पीजी कॉलेज से कुण्डेश्वर तक दोनों ओर सडक़ किनारे उजाला के लिए २७२ खंभे लगाए गए। बाकी के खंभे मेला मैदान और जमडार घाटों के किनारे लगे है। लेकिन इनका उजाला तीस त्योहारों पर देखा गया है। उसके बाद यह लाइटें बंद पड़ी रहती है। जबकि इन्हें लगातार चालू रखने के लिए विभिन्न विभागों की योजना ने शुरू किया था। जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण यह योजना विफल होती जा रही है। उसके बाद भी जिन विभागों से यह योजना तैयार की थी। उनके द्वारा चालू कराने का प्रयास भी नहीं किया जा रहा है।
तीन मदों से तैयार हुई थी योजना
वर्ष २०२० में पीजी कॉलेज से कुण्डेश्वर तक और मैदान, जमडार घाटों पर जनपद पंचायत निधि, विधायक निधि और पीडब्ल्यूडी विभाग से ८० लाख रुपए में बिजली खंभों को लगाया गया था। ११ महीने तक उन खंभों का उजाला रहा। उसके बाद तीज त्योहारों पर उजाला दिखाई दिया। लेकिन अब स्थाई बंद पड़ा है। जिसके उजले के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे है।
बिजली बिल भरने ट्रस्ट के पास नहीं फंड
इन मदों से ३०० से अधिक खंभों को लगाया गया था। जिनके उजाला सडक़, मंदिर मैदान, मेला मैदान और जमडार घाटों पर फैलता था। उसका हर महीने ५० हजार रुपए का बिजली बिल आ रहा है। उसका बिल भरने के लिए मंदिर ट्रस्ट के पास राशि नहीं है। वहीं इन्हें जलाने के लिए बिजली कंपनी से कनेक्शन नहीं लिया है।
फंड नहीं तो तैयार क्यों की योजना
बताया गया कि टीकमगढ़ से कुण्डेश्वर तक और मैदान के साथ घाटों पर उजाला करने के लिए ८० लाख रुपए की योजना तैयार करके बना दी है। उस योजना के कार्य में सडक़ों पर उजाला होना था। जिसमें बिजली खर्च होनी थी। जिसके बिल के लिए फंड नहीं है तो ८० लाख रुपए जिम्मेदारों ने खर्च क्यों करवाएं है।
मंदिर ट्रस्ट के पास सडक़ के दोनों किनारे लगे बिजली खंभों की लाइटों को जलाने का बिल भरने फंड नहीं है। हर महीने ५० हजार रुपए बिल आ रहा है। मंदिर के पास इतनी इनकम नहीं है। त्योहारों पर अस्थाई कनेक्शन ले लेते है। उसका १५ से २० हजार रुपए बिल भर देते है।
नंदकिशोर दीक्षित, अध्यक्ष मंदिर ट्रस्ट कुण्डेश्वर।वहां की बिजली जलाने के लिए मंदिर ट्रस्ट द्वारा कनेक्शन नहीं लिया गया है। जब कनेक्शन ले लेंगे बिजली छोड़ देंगे। वहीं मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष ने मंदिर में फंड नहीं होने की बात कही थी। कभी-कभी टीसी कनेक्शन दे देते है।
नवीन कुमार, डीई बिजली कंपनी।विभाग की काम था उसे तैयार करना। उसे समय अनुसार तैयार कर दिया। अब उसका रखरखाव और देखरेख करना जिम्मेदारों की जिम्मेदारी है।
इंद्रकुमार शुक्ला, ईई पीडब्ल्यूडी टीकमगढ़।

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