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53 करोड़ में किसानों ने खरीदी खाद और कीटनाशक दवाएं

locationटीकमगढ़Published: Aug 25, 2019 11:33:02 am

Submitted by:

akhilesh lodhi

निवाड़ी और टीकमगढ़ जिले में कृषि ५ लाख एकड़ से अधिक में की जाती है। फसल को सुरक्षित रखने के लिए किसानों द्वारा १८ करोड़ की खाद और ३५ करोड़ की कीटनाशक दवाओं का उपयोग किया जाता है।

 2 to 3% of non-standard fertilizers and pesticides lost 22 lakh to farmers

2 to 3% of non-standard fertilizers and pesticides lost 22 lakh to farmers

टीकमगढ़.निवाड़ी और टीकमगढ़ जिले में कृषि ५ लाख एकड़ से अधिक में की जाती है। फसल को सुरक्षित रखने के लिए किसानों द्वारा १८ करोड़ की खाद और ३५ करोड़ की कीटनाशक दवाओं का उपयोग किया जाता है। जिसमें २ से ३ फीसदी नुकसान किसानों को प्रत्येक सीजन पर व्यापारियों द्वारा दिया जाता है। इसके बाद भी विभाग द्वारा कीटनाशक और खाद व्यापारियों पर कार्रवाई नहीं की जाती है। जिसके कारण जिले में अवैध रूप से ५ सौ से अधिक खाद और कीटनाशक दवाओं की दुकानें संचालित की जा रही है।
विभाग की निष्क्रियता और जागरूकता की कमी से किसानों को प्रतिवर्ष लाखों रुपए का नुकसान भुगतना पड़ रहा है। यहां तक कि किसानों को प्रति वर्ष दुकानदारों द्वारा ३५ करोड़ रुपए की कीटनाशक दवाएं और १८ करोड़ की खाद खरीदी जा रही है। जिसमें किसानों को २ से ३ फीसदी २२ लाख १६ हजार ८०० रुपए नुकसान दिया जा रहा है। जिसमें किसानों द्वारा विभाग सहित संबंधित व्यापारियों से शिकायतें की जा रही है। लेकिन व्यापारी और विभाग के जिम्मेदार अधिकारी किसानों को फटकार लगाते हुए जागरूकता की कमी बताकर अपना पल्ला झाड़ लेते है।
यह है खाद और कीटनाशक दवाओं को बेचने की स्थिति
जिले में खाद ९६ सरकारी और प्रायवेट १२५ दुकानें द्वारा डीएपी १ लाख २० हजार बोरी १२ सौ ५० रुपए प्रति बोरी और यूरिया १ लाख ४० हजार २५६ रुपए की बोरी के हिसाब से बेची गई। जिसमें दोनों की विक्रय राशि १८ करोड़ ५८ लाख ४० हजार रुपए में किया गया। जहां किसानों को २ से ३ फीसदी अमानक खाद में ११ लाख ६६ हजार ८०० रुपए का नुकसान किसानों को हुआ है। इसके साथ ही कीटनाशक दवाओं का छिड़काव ५ लाख ५३ हजार २५ एकड़ में ६८ लायसेंसी दुकानदारों द्वारा ३५ करोड़ रुपए में बेचा गया है। जहां दो फीसदी अमानक दवाएं पाई गई। जिसमें किसानों को १० लाख ५० रुपए का नुकसान भुगतना पड़ा।
इनके द्वारा बेची जा रही खाद और कीटनाशक दवाएं
जिले में कीटनाशक की लायसेंसी ६८ दुकानें, खाद की सरकारी ९६ दुकानें, प्रायवेट १२५ और बीज की सरकारी १२५ और प्रायवेट ४५ दुकानें संचालित की जा रही है। इसके साथ ही निवाड़ी और टीकमगढ़ में खाद और कीटनाशक दवाओं की ५ सौ दुकानें संचालित की जा रही है। जिनके द्वारा १५ करोड़ का व्यापार किया जा रहा है। जहां कृषि विभाग ने कार्रवाई तो की है। अभी तक कोर्ट में तीन की मामले आ पाए है।
जिले में लायसेंसी कम ही दुकानों का संचालन हो रहा है। ग्रामीण और ब्लॉक स्तर पर बगैर लायसेंसों के कीटनाशक दवाओं की दुकानों का संचानल किया जा रहा है। जहां पर विभाग द्वारा कार्रवाई करने में पीछे हट रही है। जिसके कारण किसानों को नुकसान और विभाग को कोसते की अवाजें सुनाई देती है।
सचिन जैन व्यापारी कीटनाशक टीकमगढ़।
महंगी कीमतों में कीटनाशक दवाएं दी गई। उन दवाओं का खरीफ की फसल में छिड़काव किया गया। लेकिन जितना दवाओं का असर करना चाहिए। उतना नहीं किया गया। जिसके कारण हजारों का नुकसान हुआ है।
दस्सू अहिरवार किसान कुडीला। फोटो
उड़द की फसल में डीएपी का उपयोग किया गया। लेकिन कोई असर नहीं पड़ा है। मामले को लेकर क्षेत्रीय कृषि अधिकारी से शिकायत की गई है। लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
लच्छू लोधी किसान मजरा बछौड़ा। फोटो
सरकार द्वारा किसानों के लिए करोड़ों रुपए की योजनाएं को संचालित किया जा रहा है। इसके साथ ही उनकी जांच के लिए कर्मचारी और अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। लेकिन उनके द्वारा कृषि संबंधी योजनाओं में जांच नहीं की जाती है। जिसके कारण किसानों को आर्थिक नुकसाल का सामना करना पड़ता है।
हरिकृष्ण परसारिया किसान। फोटो
फैक्ट फाइल
जिले में का कुल रकवा – ५ लाख ५३ हजार २५ एकड़
जिले में कुल किसान – १ लाख २५ हजार
जिले में कीटनाशक लायसेंस – ६८
जिले में कीटनाशक अवैध दुकानें – ५००
खाद की सरकारी और प्रायवेट दुकानें – २२१
कीटनाशक दवाओं के कोर्ट में दर्ज मामले कुल – ०३
जिले में कुल डीएपी खाद – १ लाख २० हजार बोरी
जिसकी कीमत – १५ करोड़
३ फीसदी नुकसान – ४ लाख ५० हजार रुपए
जिले में कुल डीएपी यूरिया – १ लाख ४० हजार बोरी
जिसकी कीमत – ३ करोड़ ५८ लाख ४० हजार रुपए
२ फीसदी नुकसान – ७ लाख १६ हजार ८०० रुपए
एक साल में लायसेंसी और अवैध दुकानों से कीटनाशक दवाओं का विक्रय – ३५ करोड़
नुकसान – १० लाख ५० हजार रुपए
सचिन जैन कीटनाशक व्यापारी टीकमगढ़।
इनका कहना
हजारों मेट्रिक टनों में डीएपी और यूरिया खाद जिले में दिया जाता है। कुछ हद तक खाद अमानक पाया जाता है। जिसको वापस कर लिया जाता है। अगर किसानों द्वारा उपयोग किया जाता है तो किसानों की शिकायत पर कार्रवाई की जाती है।
रामस्वरूप लाल धु्रव डीएमओ विपणन साख समिति टीकमगढ़।
विभाग द्वारा लगातार किसानों को सुविधाएं देने के लिए प्रयास किए जा रहे है। खाद और कीटनाशक दवाओं के लिए जागरूक किया जा रहा है। अगर किसानों को कीटनाशक दवाएं और खाद अमानक दी गई है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
केपीएस जादौन सहायक उपसंचालक कृषि विभाग टीकमगढ़।

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