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Tennis : आर्थराइटिस पीड़ितों को सकारात्मक संदेश देना चाहती हैं वोज्नियाकी

locationनई दिल्लीPublished: Oct 26, 2018 06:30:45 pm

Submitted by:

Siddharth Rai

कैरोलिना वोज्नियाकी इस समय आर्थराइटिस से जूझ रही हैं लेकिन उनकी चाहत है कि वह इस बीमारी से परेशान लोगों के लिए आदर्श बनें। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वोज्नियाकी को इस बीमारी का पता अगस्त में चला था। उन्हें इस बारे में जानकर तगड़ा झटका लगा था।

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Tennis : आर्थराइटिस पीड़ितों को सकारात्मक संदेश देना चाहती हैं वोज्नियाकी

नई दिल्ली। पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 महिला टेनिस खिलाड़ी डेनमार्क की कैरोलिना वोज्नियाकी इस समय आर्थराइटिस से जूझ रही हैं लेकिन उनकी चाहत है कि वह इस बीमारी से परेशान लोगों के लिए आदर्श बनें। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वोज्नियाकी को इस बीमारी का पता अगस्त में चला था। उन्हें इस बारे में जानकर तगड़ा झटका लगा था।

उन्होंने कहा, “आपको लगता है कि आप सबसे फिट खिलाड़ी हैं लेकिन अचानक से आपको इस तरह की बीमारी से जूझना पड़ता है।” वोज्नियाकी को इस साल डब्ल्यूटीए फाइनल्स में हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बीमारी के लक्षण विंबलडन के बाद से ही दिखने लगे थे। एक सुबह वह अपने हाथ को सिर के ऊपर तक नहीं ले जा पा रही थीं। वर्ल्ड नंबर-तीन खिलाड़ी ने कहा कि कई बार उन्हें सुबर बिस्तर से उठने में भी परेशानी होती है। डॉक्टर ने अगस्त में अमेरिकी ओपन से पहले उनकी इस बीमारी का पता लगाया था।

वोज्नियाकी ने कहा, “शुरुआत में यह मेरे लिए झटका था। यह किसी के लिए भी अच्छी स्थिति नहीं होती है। मेरा मानना है कि जब आप एक पेशेवर खिलाड़ी होते हैं तो यह और अच्छी स्थिति नहीं होती है।” लेकिन, वोज्नियाकी को पूरी उम्मीद है कि यह लाइलाज बीमारी उनके करियर की राह का रोड़ा नहीं बन सकेगी। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में चीन ओपन जीता था। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि जीतना (बीजिंग में) मेरे लिए बहुत ही खास बात थी। जाहिर है ऐसी बीमारी में आप सोचने लगते हैं कि क्या होगा, क्या मैं पहले जैसी फिट हो पाऊंगी? ऐसे में जीत बहुत बड़ी बात है। इसने मुझे यह विश्वास दिया कि कुछ भी मुझे पीछे नहीं ले जा सकता। जो है, वह है लेकिन मैं कुछ भी कर सकती हूं। मुझे पता है कि दुनिया में बहुत से लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि मैं ऐसी बन सकूंगी जिनकी तरफ यह लोग प्रेरणा से देखेंगे और कहेंगे कि अगर मैं ऐसा कर सकती हूं तो वे क्यों नहीं कर सकते।”

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