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आज है शनिचरी अमावस्या, इन उपायों से बदल जाएगा भाग्य

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6 years ago
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अमावस्या सायं ६.४२ तक, इसके बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा प्रारम्भ हो जाएगी। कृष्ण पक्ष की अमावस्या व शुक्ल प्रतिपदा में शुभ व मांगलिक कार्य शुभ नहीं होते। अमावस्या तिथि में अग्निहोत्र, महादान, पितृकार्य तथा यज्ञादि कार्य कथित हैं। अन्य कार्य शुभद नहीं होते। नक्षत्र: पूर्वाभाद्रपद ‘उग्र व अधोमुख’ संज्ञक नक्षत्र सायं ७.४३ तक, तदुपरान्त उत्तरा भाद्रपद ‘ध्रुव व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। पू.भा. नक्षत्र में कारीगरी, साहस, कृषि, पशु विक्रय और जलयंत्र सम्बंधी कार्य करने योग्य हैं। पर अमावस्या तिथि शुभ नहीं है।

योग: शुभ नामक योग रात्रि ८.३६ तक, इसके बाद शुक्ल नामक योग है। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं। करण: नाग नामकरण सायं ६.४२ तक, इसके बाद किंस्तुघ्न नामक करण है। दोनों ही स्थिर संज्ञक करण हैं। जिनमें पितृकार्य करना ऋषयादेश हैं।

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श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: ८.०८ से ९.३७ तक शुभ तथा दोपहर १२.३५ से सायं ५.०३ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.११ से दोपहर १२.५९ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारंभ के लिए अत्युत्तम हैं। शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज किसी शुभ व मांगलिक कार्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं है।

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व्रतोत्सव: आज देवपितृकार्य अमावस्या, चैत्री अमावस्या, मन्वादि पंचक सम्पूर्ण दिवारात्रि, चांद संवत्सर २०७४ विक्रमी समाप्त तथा शनैश्चरी अमावस्या भी है। चन्द्रमा: चन्द्रमा दोपहर बाद १.३२ तक कुंभ राशि में, इसके बाद मीन राशि में चला जाएगा। दिशाशूल: शनिवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज दोपहर बाद १.३२ तक पश्चिम दिशा की व इसके बाद उत्तर दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। राहुकाल: प्रात: ९.०० से १०.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।

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