वडोदरा रेलवे पुलिस अधीक्षक के क्षेत्राधिकार में पिछले कुछ दिनों से ट्रेनों पर पत्थर फेंकने तथा चलती ट्रेन में दरवाजे के पास बैठे यात्रियों पर लकड़ी से हमला करके मोबाइल समेत अन्य सामान चोरी के मामले बढ़ गए हैं। सचिन से कोसंबा के बीच एक माह में पांच से अधिक अलग-अलग मामले सामने आ चुके हैं। २४ अप्रेल को रात में १२९५१ मुम्बई-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस पर भी अज्ञात व्यक्ति ने पत्थर फेंका था। इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन पत्थर लगने से गार्ड के तरफ जनरेट रूम वाले कोच का शीशा टूट गया था। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद मुम्बई रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त एसआर. गांधी ने सूरत रेलवे सुरक्षा बल के सहायक सुरक्षा आयुक्त राकेश पांडेय और अंकलेश्वर के थाना निरीक्षक संजीव पांडेय को घटना की जांचने के निर्देश दिए थे। इसके बाद संजीव पांडेय ने रेलवे सुरक्षा बल के जवानों की एक टीम बनाई और संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात कर दिया।
संजीव पांडेय ने शहर पुलिस अमरोली थाना तथा सूरत रेलवे पुलिस को भी घटना की जांच में सहयोग करने को कहा था। संजीव सोमवार रात को सूरत से अंकलेश्वर के बीच ट्रेन संख्या ५९४३९ मुम्बई-अहमदाबाद पैसेंजर में सीक्रेट वॉच पर थे तभी उन्होंने ट्रेक के किनारे रेलवे किलोमीटर नं. २७४/१२ से २७५/२७ के बीच दो संदिग्ध लोगों को बैठे हुए देखा। उन्होंने तुरंत कोसंबा स्टेशन के रेलवे सुरक्षा बल तथा रेलवे पुलिस की टीम को अलर्ट किया। इसके बाद रेलवे ट्रेक के किनारे गश्त लगाने वाली टुकड़ी कुछ देर में ही वहां पहुंच गई और दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
उनके नाम नारायण विप्र बहेल (२७) और कालिया अलक गौड़ (२०) हैं। प्राथमिक पूछताछ में दोनों ने कबूला कि वह लोग ट्रेन के यात्रियों पर पत्थर मारकर या लकड़ी से वार करके मोबाइल व सामान चुराते थे। रेलवे सुरक्षा बल तथा रेलवे पुलिस दोनों को गिरफ्तार कर मंगलवार को सूरत थाने लेकर आई। रेलवे पुलिस निरीक्षक के. एम. चौधरी ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की कार्रवाई शुरू की है।
शिकार नहीं मिलने पर गुस्से में मारते थे पत्थर
पकड़े गए यह दोनों लडक़े काफी समय से ट्रेनों पर पत्थर फेंकने तथा लकड़ी मारकर मोबाइल व अन्य सामान की चोरी कर रहे थे। पूछताछ में नारायण तथा कालिया ने बताया कि ट्रेक के किनारे जब उनको कोई शिकार नहीं मिलता था तो गुस्से में ट्रेन पर पत्थर फेंका करते थे। उल्लेखनीय है कि, सूरत और सचिन के बीच पिछले दिनों ट्रेन पर पत्थर फेंकने की हुई तीन-चार घटनाओं में अब तक कोई आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ है।
डबल डेकर एसी ट्रेन पर पत्थर फेंकने वाला पकड़ा और छूट गया
उधना-भेस्तान स्टेशन के बीच 15 अप्रेल को रेलवे ट्रेक के किनारे रेलवे सुरक्षा बल की सिक्रेट टीम वॉच पर तैनात थी। इसी दौरान अहमदाबाद-मुम्बई डबल डेकर एसी ट्रेन वहां से गुजरी। उस पर अज्ञात व्यक्ति ने पत्थर मारा था। आवाज आते ही ट्रेक के किनारे झाडिय़ों में छिपे रेलवे सुरक्षा बल के जवान सक्रिय हो गए और पत्थर फेंकने वाले युवक को पकड़ लिया। उसने बताया कि ट्रेन ड्राइवर ने हॉर्न नहीं मारा, जिससे उसे गुस्सा आ गया और पत्थर फेंक दिया था।
रेलवे सुरक्षा बल ने युवक के पिता को बुलाया और उसे भी घटना की जानकारी दी। बाद में रेलवे सुरक्षा बल उसे सूरत पोस्ट लेकर आई और रेलवे पुलिस को सौंप दिया। एलसीबी उप निरीक्षक वी. के. गरासिया ने इस घटना में १०९ के तहत मामला दर्ज किया था। रेलवे सुरक्षा बल ने बताया कि एलसीबी पुलिस ने शिकायत कर्ता नहीं होने पर मामूली धारा लगाई थी। शिकायतकर्ता होने पर आरोपी के खिलाफ आइपीसी १५० के तहत मामला दर्ज किया होता तो उसमें दस साल की कैद का प्रावधान है।
सी-2 कोच का कांच टूटा, यात्री सुरक्षित
सूत्रों ने बताया कि डबल डेकर एसी ट्रेन पर उधना और भेस्तान के बीच पत्थर फेंकने के मामले में कोच संख्या सी-2 के सीट नं. ५७ पर बैठी एक महिला यात्री की खिडक़ी पर लगा था। इसमें खिडक़ी का बाहरी कांच टूटा, लेकिन अंदर से लगा दूसरा कांच बच गया। हादसे में महिला को कोई चोट नहीं आई। रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने महिला से रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए कहा था। लेकिन, महिला ने रेलवे सुरक्षा बल को अपना नाम तथा मोबाइल नम्बर की जानकारी साझा करने से मना कर दिया था।