सूत्रों के अनुसार कतारगाम क्षेत्र में रहने तथा एम्ब्रोयडरी कारखाने में काम करने वाला विनोद कुमार बहादुर राम (२७) गुरुवार को १९०४५ सूरत-छपरा ताप्ती गंगा एक्सप्रेस से अपने गांव उत्तरप्रदेश के कोतवलपुर जाने के लिए निकला था। सूरत से सात-आठ समाजकंटक ट्रेन में सवार हो गए। उधना स्टेशन पहुंचने से पहले इन लोगों ने एस-13 कोच में सफर कर रहे विनोद कुमार को निशाना बनाया और उससे मोबाइल छीनने लगे। विनोद के विरोध करने पर उन लोगों ने मारपीट शुरू कर दी। इसी दौरान एक व्यक्ति ने चाकू से विनोद के सिर पर वार कर दिया। इसके बाद सभी लोग उधना स्टेशन के पास चलती ट्रेन से उतर कर फरार हो गए। यात्रियों ने कोच के स्टाफ को घटना की जानकारी दी। बाद में इसकी जानकारी कॉमर्शियल कंट्रोल रूम तथा रेलवे सुरक्षा बल के हेल्पलाइन पर दी गई।
विनोद कुमार ने नंदुरबार स्टेशन पर रेलवे पुलिस में साढ़े नौ हजार रुपए का मोबाइल चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। नंदुरबार रेलवे पुलिस ने आइपीसी की धारा ३९५ तथा ३९७ के तहत मामला दर्ज कर जांच सूरत रैफर कर दी है। उल्लेखनीय है कि सूरत तथा उधना स्टेशन से उत्तरप्रदेश और बिहार की ओर जाने वाली ट्रेनों में समाजकंटकों का आतंक नई बात नहीं है। पहले भी इसी तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। रेल प्रशासन की निष्क्रियता के कारण इन घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है।
आरपीएसएफ की टीम देखती रह गई
मुम्बई रेल मंडल प्रबंधक संजय मिश्रा ने बुधवार को सूरत स्टेशन का निरीक्षण करने के बाद राजस्थान पत्रिका को बताया था कि सूरत तथा उधना स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए आरपीएसएफ की एक अतिरिक्त बटालियन तैनात की गई है। उन्होंने इस बटालियन में से पन्द्रह जवानों को सूरत तथा अन्य को उधना स्टेशन के आसपास अपराध वाले प्वॉइंट्स पर तैनात किए जाने की जानकारी दी थी। उधना स्टेशन के पास चलती ट्रेन से उतरकर भागे समाजकंटकों को रोकने के लिए कोई जवान मौजूद नहीं था।