आपको बता दें कि चार साल पहले भरुच में सरदार ब्रिज से गुजरने के दौरान जाडेश्वर के निकट वाहन चालकों को टोल चुकाना पड़ता था, लेकिन दिल्ली से मुंबई के बीच इस मार्ग पर वाहनों के भारी दबाव के चलते वर्ष २०१३ में टोल प्लाजा बंद हो गया। बाद में केबिल ब्रिज को तैयार किया गया और इस दौरान वाहन चालकों को टोल वसूली से मुक्ति मिल गई थी। मगर, मुलद चौराहे के पास नया टोल प्लाजा बनने से पुराने और नए सरदार ब्रिज से गुजरने वाले वाहनों को फिर टोल भरना पड़ेगा।
टोल मुक्ति का पूरा प्रयास करेंगे
& भरुच के स्थानीय वाहनों को केबल ब्रिज पर टोल राशि से मुक्ति मिले, इसके लिए जिला भाजपा नेताओं की ओर से सरकार से गुहार लगाई गई है। उम्मीद है कि केन्द्र और राज्य सरकार हमारी बात सुनेगी।योगेश पटेल, भाजपा प्रमुख, भरुच
करेंगे उग्र आंदोलन
& कांग्रेस सरकार ने ईपीसी आधार पर ब्रिज बनाने का काम एजेंसी को दिया था। इससे टोल वसूली नहीं की जा सकती। भाजपा सरकार नियमों में परिवर्तन कर अपना बोझ जनता के सिर डाल रही है। स्थानीय लोगों से यदि ब्रिज पर टोल टैक्स के मुद्दे पर उग्र आंदोलन किया जाएगा।शेरखान पठाण, प्रमुख, जिला युवक कांग्रेस, भरुच
खास है भारत का सबसे बड़ा केबल ब्रिज
कुल लम्बाई
१.४ किलोमीटर
निर्माण कार्य की शुरुआत
२००४ वर्ष
पुल का उद्घाटन
७ मार्च २०१७
पुल की लागत
३७९ करोड़ रुपए
पुल पर लगी एलईडी लाइट्स
४००
इतनी केबिल पर खड़ा पुल
२१६
सरकारी खजाना भरेगा नया टोल
केबल ब्रिज से आवाजाही करने वाले वाहनों से जो राशि वसूली जाएगी, वह सरकारी खजाने को भरेगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टोल वसूली के लिए एजेंसी को तय करने की निविदा जारी करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है। इस टोल टैक्स से ७५ करोड़ रुपए की वार्षिक आय का अनुमान लगाया जा रहा है।