scriptकंपनी सेक्रेटरी परीक्षा में भी चमके सूरत के तीन होनहार | Three promising beauties of Surat in company secretary exam | Patrika News

कंपनी सेक्रेटरी परीक्षा में भी चमके सूरत के तीन होनहार

locationसूरतPublished: Feb 22, 2019 12:50:05 am

कंपनी सेक्रेटरी की फाउंडेशन परीक्षा में सूरत के तीन विद्यार्थियों ने टॉप-50 में स्थान हासिल कर शहर का गौरव बढ़ाया है। इस परीक्षा का परिणाम गुरुवार…

Three promising beauties of Surat in company secretary exam

Three promising beauties of Surat in company secretary exam

सूरत।कंपनी सेक्रेटरी की फाउंडेशन परीक्षा में सूरत के तीन विद्यार्थियों ने टॉप-50 में स्थान हासिल कर शहर का गौरव बढ़ाया है। इस परीक्षा का परिणाम गुरुवार को वेबसाइट पर जारी किया गया।इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी ऑफ इंडिया ने दिसम्बर 2018 में फाउंडेशन लेवल की परीक्षा ली थी।

सूरत से 126 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 77 परीक्षा पास करने में सफल रहे। सूरत की शिखा शर्मा ने 400 में से 322 अंक हासिल कर देश में 18वां, 316 अंक के साथ नीर देसाई ने 21वां और 312 अंक के साथ रोशनी जरीवाला ने 23वां स्थान हासिल किया। इग्नाइट एकेडमी
के सीएस स्नेह भाटिया के मार्गदर्शन में 28 विद्यार्थियों ने फाउंडेशन परीक्षा पास करने में सफलता हासिल की।

निजी ट्रैवल्स वालों के साथ बैठक बेनतीजा

एसटी निगम कर्मचारियों की हड़ताल से निपटने के लिए सरकार ने निजी ट्रैवल्स संचालकों के साथ एसटी डिपो से निजी बसों के संचालन के लिए बैठक की, लेकिन लक्जरी बस का स्टेट केरेज परमिट होने के कारण इस मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका। निजी बस संचालकों ने मुसाफिरों की परेशानी दूर करने के लिए बसें चलाने की तैयारी जरूर दिखाई है।

राज्यभर के एसटी निगम कर्मचारियों की हड़ताल के बाद सरकार ने मुसाफिरों को वैकल्पिक व्यवस्था देने के लिए हाथ-पैर मारने शुरू कर दिए हैं। कर्मचारियों की एक दिन की हड़ताल अनिश्चिकालीन हड़ताल में बदलने से सरकार की परेशानी बढ़ गई है। सरकार ने मुसाफिरों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए कलक्टर को निर्देश दिए हैं। सूरत कलक्टर धवल पटेल की अध्यक्षता में गुरुवार को लक्जरी बस संचालकों, आरटीओ अधिकारी तथा पुलिस के आला अधिकारियों के बीच बैठक हुई।

निजी बस संचालक डिपो से बसों के संचालन के लिए तैयारी हैं, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतें सामने आई हैं। सूत्रों ने बताया कि लक्जरी बसों के स्टेट केरेज परमिट तथा किराए को लेकर बातचीत बीच में ही अटक गई।

सरकार द्वारा जितनी बसों की डिमांड की जाएगी, ट्रैवल्स संचालकों ने उतनी बसें चलाने पर सहमति जताई है, लेकिन लक्जरी बसों के स्टेट केरेज परमिट के कारण इन्हें लोकल बस के तौर पर पैसेंजर लेकर चलाना थोड़ा मुश्किल है। एसटी बस की तरह परमिट मिलने के बाद बसों का संचालन शुरू करने पर सहमति जताई गई।

साथ ही किराया कौन और कितना वसूलेगा, इसके लिए भी नीति तैयार करने पर चर्चा हुई। इस संबंध में निर्णय करने के लिए कलक्टर के पास अधिकार नहीं होने के कारण मामला सरकार को भेज दिया गया है। वहां निर्णय के बाद निजी बसों का संचालन शुरू होने की संभावना है। कलक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने से फिलहाल लाखों मुसाफिरों की समस्या जस की तस है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो