बुलेट ट्रेन परियोजना के विरोध में निकाली रैलीरैली में 28 गांवों के किसान हुए शामिल
आक्रोशित किसान बोले, नहीं देंगे उपजाऊ जमीन
नवसारी. बुलेट ट्रेन परियोजना के खिलाफ नवसारी जिले के किसान लगातार विरोध कर रहे हैं। परियोजना से प्रभावित होने वाले २८ गांवों के किसानों ने बुधवार को आक्रोश रैली निकाली और प्रांत अधिकारी तथा कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। बुलेट ट्रेन परियोजना में 28 गांवों के प्रभावित होने वाले किसान बाजार भाव से तीन गुना मुआवजा देने की मांग पर अड़े हैं। नवसारी में गत 15 वर्षों से सरकारी जंत्री के दाम नहीं बढ़े हैं। इसके कारण किसानों को नवसारी जिले के पड़ोसी जिलों से काफी कम दाम मिल रहे हैं। इसका विरोध कर किसान केन्द्र सरकार के जमीन संपादन कानून के तहत मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
जान देंगे जमीन नहीं, बुलेट ट्रेन नहीं चलेगी इस बीच बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के रूट पर किसीनों की जमीन अधिग्रहण करने के लिए सरकार एक के बाद एक घोषणापत्र जारी कर रही है। हाल में ही सरकार ने जमीन अधिग्रहित करने के लिए एक और घोषणापत्र जारी किया है। इसकी जानकारी मिलते ही जिले के किसान एकजुट हुए और रैली निकाली। सरकार के रवैये से नाराज किसान रैली में जान देंगे जमीन नहीं, बुलेट ट्रेन नहीं चलेगी, नहीं चलेगी, हम से जो टकराएगा भूखा मर जाएगा जैसे नारे लगाते रहे। रैली पहले प्रांत अधिकारी कार्यालय पहुंची, लेकिन प्रांत अधिकारी की अनुपस्थिति के कारण बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के दल में कार्यरत निवृत्त तहसीलदार बीबी पटेल को किसानों ने ज्ञापन और अधिग्रहण के संबंध में आपत्ति पत्र सौंपा। उसके बाद किसान कलक्टर कार्यालय पहुंच गए। यहां पता चला कि कलक्टर डॉ. एमडी मोडिया प्रशिक्षण में हैं। इसके बाद उनके प्रतिनिधि को बुलाने की मांग कर किसान अग्रणी उनके चेम्बर में जाकर बैठ गए। यह देखकर कलक्टर के पीए ने पुलिस पर गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने बिना मंजूरी कलक्टर के चेम्बर में घुसने को लेकर आपत्ति जताते हुए पुलिस से कहकर सभी को बाहर निकलवा दिया। इसके बाद किसान अधिक कलक्टर के पास पहुंचे, लेकिन वह भी नहीं मिले। अंत में किसानों ने कलक्ट्रेट की चिटनीश जिग्ना परमार को ज्ञापन और आपत्ति पत्र सौंपा और इसे सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
बाजार और जंत्री की कीमत में अंतर किसान पिछले कई महीने से आंदोलन चला रहे हैं और सरकार को छह से सात बार दरखास्त कर चुके हैं। जमीन की बाजार कीमत है और सरकार जंत्री के अनुसार जो कीमत देना चाहती है उसमें जमीन आसमान का अंतर है। नवसारी ग्रीन बेल्ट है इसलिए आज किसानों ने संगठित होकर सरकार को यह बताया है कि हम एक हैं और आगे भी एक रहेंगे। सिद्धार्थ देसाई, असरग्रस्त किसान
उपजाऊ जमीन नहीं देंगे जिले में आम और चीकू की वाड़ी हैं और जमीन बहुत कीमती है। किसान अपनी जान दे देंगे, लेकिन उपजाऊ जमीन नहीं देंगे। कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण कार्य बंद करने की मांग की है। सरकार और प्रशासन दोनों ने संवेदनहीनता दिखाई है। प्रांत अधिकारी और कलक्टर का अनुपस्थित रहना प्रशासन की असंवेदनशीलता दिखाता है। जयेश पटेल, अध्यक्ष, गुजरात खेडूत समाज
न्यायतंत्र पर पूरा भरोसा हाइकोर्ट में दायर हमारी याचिका पर फैसला आने की संभावना है और न्यायतंत्र पर पूरा भरोसा है। फैसला संतोषप्रद न होने पर सुप्रीम कोर्ट जाने की भी तैयारी कर ली है। आगे चलकर किसानों का आंदोलन इससे भी उग्र होगा। पिनाकीन पटेल, असरग्रस्त किसान।