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TEACHERS DAY : विद्यार्थी बने शिक्षक, शिक्षकों का किया गया सम्मान

locationसूरतPublished: Sep 07, 2018 07:56:06 pm

विद्यालयों और महाविद्यालयों में मनाया गया शिक्षक दिवस

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TEACHERS DAY : विद्यार्थी बने शिक्षक, शिक्षकों का किया गया सम्मान

सूरत.

शहर के विद्यालयों और महाविद्यालयों में बुधवार को शिक्षक दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालयों और महाविद्यालयों में एक दिन के लिए विद्यार्थी शिक्षक बने। इस मौके पर शिक्षकों को सम्मानित भी किया गया।
डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्ण के जन्म दिवस को देशभर में शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है। बुधवार को विद्यालयों और महाविद्यालयों में कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। विद्यालयों और महाविद्यालयों में विद्यार्थियों ने शिक्षक की भूमिका निभाते हुए सहपाठियों को पढ़ाया। अठवालाइंस स्थित वनिता विश्राम कॉलेज में शिक्षकों को सम्मानित किया गया। रुस्तमपुरा स्थित कम्यूनिटी हॉल में नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के शिक्षकों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया।

डॉ.सर्वपल्ली एज्युकेशन अवॉर्ड से सम्मानित
शिक्षक दिवस के अवसर पर डू बिफोर डाय एनजीओ और स्कॉलर इंग्लिश एकेडमी की ओर से शिक्षा क्षेत्र में सेवा देने वाले आठ लोगों को डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्ण एज्युकेशन एक्सीलेंसी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। सीए रवि छावछरिया, सोनल वैद्य, डॉ.संजय मेहता, प्रहर्षा मेहता, मावजी सवाणी, मीनाक्षी वखारिया, तृप्ति व्यास और निर्मल मोटवाणी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

शिक्षिकाओं का सम्मान
मारवाड़ी युवा मंच, जागृति शाखा की ओर से शिक्षक दिवस के मौके पर हळपति आवास में बुधवार को शिक्षिकाओं का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में मौजूद शिक्षिकाओं को आयोजक शाखा ने भेंट-उपहार भी दिए। इस मौके पर संस्था की पदाधिकारी महिलाएं व अन्य लोग मौजूद थे।
शिक्षक दिवस मनाया
लायन्स क्लब ऑफ सूरत सिल्कसिटी एवं लायन्स क्लब, क्रिस्टल के संयुक्त उपक्रम में बुधवार को शिक्षक दिवस मनाया गया। कार्यक्रम अठवालाइंस के वाडिया वुमैन्स कॉलेज में आयोजित किया गया। इस दौरान क्लब के अशोक कानुनगो, अशोक देसाई, नवरतन दुग्गड़, नरेश अग्रवाल, रंजू दुग्गड़, विमलेश तातेड़, सुनीता लोढ़ा आदि ने शिक्षकों को सम्मानित किया।
विद्यार्थियों सुधारने की अनोखी पहल

विद्यार्थियों को सजा ना देकर खुद को ही सजा देकर उन्हें सुधारने की अनोखी पहल भूलका विहार के शिक्षक जयेश त्रिवेदी कर रहे हैं। जयेश पिछले 12 सालों से बतौर शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन पिछले 12 सालों में किसी भी विद्यार्थी को उन्होंने सजा नहीं दी है। उल्टा विद्यार्थियों की गलती होने पर खुद को ही दोषी मानकर खुद को ही सजा देते है। यह देख विद्यार्थी शर्मिंदा हो जाते हैं। आगे से गलती नहीं करने का शिक्षक से वादा भी करते हैं।

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