महाराष्ट्र के पालघर जिले की दहानु तहसील के देउडपाडा गांव में विठ्ठलनगर निवासी विलास जयराम घाटाल (३०) 15 अगस्त को जन्माष्टमी पर मटकी फोडऩे के कार्यक्रम में गया था। कार्यक्रम खत्म होने के बाद वह पेड़ पर रस्सी खोलने के लिए चढ़ रहा था, तभी पैर फिसलने से वह घायल हो गया। उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिजन उसे बाद में वलसाड सिविल अस्पताल ले आए। सीटी स्कैन की रिपोर्ट में ब्रेन हैमरेज की पुष्टि हुई।
चिकित्सकों ने उसे १६ अगस्त को तडक़े ३.३० बजे न्यू सिविल अस्पताल रैफर कर दिया। यहां चिकित्सकों ने उसे १९ अगस्त को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। डोनेट लाइफ के नीलेश मांडलेवाला ने उसके परिजनों को अंगदान के बारे में समझाया। अंगदान की सहमति मिलने पर किडनी और लीवर का दान स्वीकार करने के लिए आईकेडीआरसी तथा हृदय का दान स्वीकारने के लिए मुम्बई के फोर्टिस अस्पताल से सम्पर्क किया गया। मुम्बई से डॉ. अनवय मुले की टीम सूरत पहुंची और हृदय दान स्वीकार किया।
किडनी और लीवर का दान आईकेडीआरसी के डॉ. बिपिन पाल की टीम ने स्वीकार किया। सूरत के न्यू सिविल अस्पताल से मुम्बई तक २६९ किमी की दूरी ८६ मिनट में तय कर हृदय का ट्रांसप्लांट महाराष्ट्र मालेगांव निवासी रवीना शरद अंतुरेकर (२०) में किया गया। दान मिली एक किडनी गांधीधाम निवासी जिमी अशोक दादलानी (४६) और दूसरी किडनी राजस्थान के झालावाड़ निवासी मीतिका दुष्यंत सोनी (२७) में ट्रांसप्लांट की गई। लीवर भावनगर निवासी ईश्वर केशव मेन्दापडा (३८) में ट्रांसप्लांट किया गया। सूरत से यह चौदहवां हृदय दान था। इससे पहले मुम्बई को १०, चैन्नई को एक, अहमदाबाद को दो और इंदौर को एक हृदय दान का श्रेय सूरत को जाता है।
48 घंटे में दो अंगदान से 8 को मिला नया जीवन
सूरत में 48 घंटे के दौरान अंगदान की यह दूसरी घटना है। दोनों घटनाओं को मिलाकर देखें तो आठ जनों को नया जीवन मिला है। इंदौर निवासी युवक और मालेगांव निवासी छात्रा में सूरत का दिल धडक़ेगा। एक दिन पहले पांडेसरा भेदवाड दरगाह नवीन फ्लोरीन में सफाई कार्य करने वाले कचरा गंगाराम मोरे (४७) के परिजनों ने अंगदान किया था। वह पन्द्रह अगस्त को सामाजिक कार्य के लिए बाहर गया था, तभी बाटली बॉय सर्किल के पास उसकी मोटर साइकिल फिसल गई थी। उसे १७ अगस्त को ब्रेन डेड घोषित किया था। कचरा का हृदय अब इंदौर निवासी योगेश सरोज (२१) में धडक़ रहा है। डोनेट लाइफ द्वारा अब तक 14 हृदय, 219 किडनी, 87 लीवर, छह पेन्क्रियाज और 184 चक्षुओं के दान से 507 से अधिक लोगों को नई जिंदगी दी गई है।
दिल का सफर
7.०० बजे – मुम्बई से आए चिकित्सकों की टीम ने न्यू सिविल अस्पताल में हृदय दान स्वीकारा।
7.१५ बजे – एम्बुलेंस में चिकित्सकों की टीम सूरत एयरपोर्ट पहुंची।
७.२५ बजे – चिकित्सक सूरत के हार्ट के साथ मुम्बई के लिए कॉमर्शियल फ्लाइट में रवाना हुए।
८.०५ बजे – मुम्बई एयरपोर्ट पहुंची चिकित्सकों की टीम।
८.१० बजे – मुम्बई एयरपोर्ट से चिकित्सकों की टीम फोर्टिस अस्पताल रवाना।
८.२६ बजे – चिकित्सकों की टीम अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में दाखिल हुई।