SMC : बजट तो काफी बढ़ गया, विद्यार्थियों और शिक्षकों की संख्या नहीं
समिति स्कूलों में खाली पड़े हैं शिक्षकों के 861 पद
SMC : बजट तो काफी बढ़ गया, विद्यार्थियों और शिक्षकों की संख्या नहीं
सूरत. सूरत महानगर पालिका संचालित नगर प्राथमिक शिक्षा समिति की स्कूलों के लिए बजट तो हर साल बढ़ाया जाता है, लेकिन इसके मुकाबले न विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है और न ही शिक्षकों की। कई स्कूलों में शिक्षक एक साथ कई वर्गों को पढ़ाने के लिए मजबूर हैं। शिक्षकों की कम संख्या भी विद्यार्थियों की संख्या नहीं बढ़ पाने का एक बड़ा कारण है।
महानगर पालिका और नगर प्राथमिक शिक्षा समिति विद्यार्थियों को समिति स्कूलों में निजी स्कूलों जैसी सुविधाएं देने का दावा करती हैं। हर साल समिति का बजट बढ़ाया जाता है। इसके बाद भी विद्यार्थियों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। शैक्षणिक सत्र 2004-05 में जब समिति का बजट करीब 69.50 करोड़ रुपए था, तब स्कूलों की संख्या 276 और उनमें पढऩे वाले विद्यार्थियों की संख्या करीब 1.49 लाख थी। इन विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या 3,495 थी। हर साल बजट बढ़ाया गया, लेकिन शिक्षकों की संख्या नहीं बढ़ी। स्कूलों की संख्या कभी कम, कभी ज्यादा होती रही। विद्याथियों की संख्या भी कभी कम तो कभी ज्यादा हुई। शिक्षकों की संख्या पिछले 15 साल में औसतन 3,400 के आसपास और विद्यार्थियों की संख्या 1.40 लाख के आसपास रही। समिति स्कूलों में 861 शिक्षकों की कमी है।
इससे स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल पड़ रहा है। हाल ही राज्य सरकार की ओर से मनाए गए गुणोत्सव में चौकाने वाले तथ्य सामने आए कि समिति स्कूलों की कक्षा 4 से 8 तक के विद्यार्थियों को लिखना, पढऩा और सामान्य गणित भी नहीं आती है। समिति सदस्य सफी जरीवाला का कहना है कि समिति स्कूलों का बजट ४.६० अरब रुपए तक पहुंच गया है, फिर भी विद्यार्थियों की संख्या १,५७,९६१ और शिक्षकों की संख्या ३,९२२ ही है। शिक्षकों के तय पदों से 861 शिक्षक कम हैं।
कई साल से नहीं हुईं नियुक्तियां
समिति के 25 हिन्दी माध्यम स्कूलों में कक्षा एक से आठ की पढ़ाई होती है। इन सभी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। खाली पदों पर नियुक्ति नहीं किए जाने के कारण शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों को भी परेशानी हो रही है। समिति स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण बार-बार हंगामा होता रहता है। शिक्षकों की कमी को लेकर भेस्तान स्कूल में एक बार अभिभावकों ने ताला लगा दिया था। कई और समिति स्कूलों में भी अभिभावक कम शिक्षकों के कारण ताला लगा चुके हैं। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कई बार गुजारिश की गई, लेकिन कई साल से शिक्षकों के खाली पद नहीं भरे गए।
पांच साल का हिसाब-किताब
शैक्षणिक सत्र स्कूल विद्यार्थी बजट (रुपए)
2013-14 292 १,४०,४३५ २८०,४८,५२,०००
2014-15 २७९ १,३७,६१७ २९५,७९,३२,०००
2015-16 ३४१ १,५८,२०४ ३७०,५८,९४,०००
2016-17 ३३६ १,५८,८१२ ४०९,६०,५८,000
2017-18 ३३९ १,५७,९६१ ४६०,४६,२८,०००
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