वीएनएसजीयू का गीजुभाई छगनभाई पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर विभाग पहले से ही विवादों में घिरा है। इस विभाग में प्रवेश, सीटें, प्राध्यापकों के पदों और कार्यक्रमों के आयोजनों को लेकर कई विवाद हुए हैं। कई मामलो में जांच भी चल रही है। इस बीच एक नया विवाद प्रकाश में आया है। विभाग की ओर विद्यार्थियों के पास से जबरन हलफनामा लिया जा रहा है। इस हलफनामें को 50 रुपए के स्टेम्प पर देना पड़ रहा है। साथ ही इसे नोटरी भी करवाकर जमा करने का विभाग ने आदेश दिया हुआ है। इस एफिडेविट पर विद्यार्थी से लिखवाया गया है कि वह जब तक विभाग में पढ़ रहे है, तब तक कहीं नौकरी नहीं करेंगे। एफिडेविट नहीं देने पर विभाग की ओर से विद्यार्थी पर कड़ी कार्रवाई करने की धमकी दी जा रही है। धमकी के डर से विद्यार्थियों ने इस तरह का एफिडेविट विभाग में जमा करवाया है।
आर्किटेक्चर विभाग की ओर से विद्यार्थियों को एफिडेविट नहीं देने पर कड़ी धमकी दी गई है। जिन्होंने एफिडेविट नहीं दिया उन्हें परीक्षा में नहीं बिठाने का डर दिखाया गया है। साल बिगड़ जाएगा इस डर से विद्यार्थियों ने विभाग में एफिडेविट जमा करवाया है।
सीनेट सदस्य कनु भरवाड़ का कहना है कि विद्यार्थियों को जबरन एफिडेविट लिया जा रहा है। ऐसा कोई नियम ही नहीं है। विद्यार्थी डरे हुए है, इस बारे में विभाग के प्राध्यापकों से पूछे जाने पर उनके पास कोई जवाब ही नहीं है। विद्यार्थियों को न्याय दिलवाने के लिए विश्वविद्यालय से कार्रवाई करने की गुजारिश की गई है। सिंडीकेट सदस्य भावेश रबारी ने भी इस मामले में कुलपति को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई करने की मांग की है।
विश्वविद्यालय या यूजीसी में कहीं भी ऐसा नियम नहीं है कि पढ़ाई के दौरान विद्यार्थी कहीं नौकरी ना कर सके। विभाग ने अपने मन से ही यह नियम बनाया है। इस तरह के नियम के सामने आने से विश्वविद्यालय में चर्चा का विषय बन गया है।