नकदी की किल्लत से को.ऑपरेटिव बैंकों में समस्या बढ़ीछोटी रकम के फटे-पुराने नोट मिलने से को.ऑपरेटिव बैंक संचालक नाराज
सूरत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से सूरत में राष्ट्रीयकृत बैंकों को रुपए सप्लाई नहीं किए जाने से बैंकों और एटीएम में नकदी का टोटा है। सबसे ज्यादा असर को.ऑपरेटिव बैंक पर पड़ रहा है। आरबीआई के आदेश पर बुधवार को एक प्राइवेट बैंक की चेस्ट शाखा से सभी को.ऑपरेटिव बैंक को कुछ राशि मिली, लेकिन इसमें भी ज्यादातर छोटी रकम के नोट और फटे नोट होने मिलने से को.ऑपरेटिव बैंक संचालक नाराज हैं।
सूरत समेत समग्र दक्षिण गुजरात में 20 से अधिक को.ऑपरेटिव बैंकों की शाखाएं हैं। इनमें ज्यादातर उद्यमियों के अकाउन्ट हैं। को.ऑपरेटिव बैंक की चेस्ट शाखा नहीं होने से वह रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार अन्य बैंक की चेस्ट शाखा से नकदी लेते हैं। इन दिनों आरबीआई से रुपए की सप्लाई बंद होने से सभी बैंकों की चेस्ट शाखाएं भी खाली हैं। इसलिए को.ऑपरेटिव बैंक को नकदी नहीं मिल रही। अब तक को.ऑपरेटिव बैंक ने अपने डिपोजिट और अन्य स्रोत का उपयोग कर
काम चलाया, लेकिन अब उन्हें दिक्कत आने लगी है। हालांकि अभी भी वह खाताधारकों को पूरी रकम चुका रहे हैं। एक को.ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन ने बताया कि हम खाताधारकों को पहले कम रकम लेने के लिए समझाने का प्रयास करते हैं, लेकिन नहीं मानने पर उन्हें पूरी रकम दे रहे हैं।
नोटों की किल्लत के सिलसिले में मंगलवार को साउथ गुजरात को.ऑपरेटिव बैंक एसोसिएशन की हुई बैठक में आरबीआई ने 50 करोड़ रुपए प्राइवेट बैंक की चेस्ट से दिलाने का भरोसा दिलाया था। इसके अनुसार बुधवार को 30 करोड़ मिलने थे। आरबीआई के निर्देशानुसार को.ऑपरेटिव बैंक संचालक संबंधित बैंक की चेस्ट से रुपए लेने पहुंचे, तो वहां से फटे पुराने और 10, 20, 50 रुपए के नोट मिले हैं, जो एटीएम में नहीं डाले जा सकते। इससे बैंक संचालकों में नाराजगी दिखी। एक को.ओपरेटिव बैंक के चेयरमैन ने बताया कि उन्होंने 1 करोड़ रुपए मांगे थे, लेकिन इसके बदले उन्हें सिर्फ 50 लाख रुपए मिले। उसमें भी 15 लाख रुपए 10 रुपए के नोट के रूप में मिले, और ग्राहक छोटे नोट लेने को तैयार नहीं होते। यह नोट एटीएम में भी डाले नहीं जा सकते हैं। ऐसे में समस्या और बढ़ती जा रही है।
बुधवार को शहर के कुछ एटीएम में नकदी पहुंची और और कुछ खाली ही रहे। लोगों ने जरूरत के मुताबिक बैंकों में जाकर नकदी ली और कुछ ने चेक और ऑनलाइन पेमेंट करना उचित समझा।