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स्वच्छता सर्वेक्षण: पिछले साल जहां थे, इस साल भी वहीं अटके

locationसूरतPublished: Mar 08, 2019 01:14:33 pm

मनपा प्रशासन की मशक्कत के बाद भी स्वच्छता में सूरत एक पायदान भी आगे नहीं खिसका, स्वच्छता सर्वेक्षण में सूरत 14वें स्थान पर, स्लम क्षेत्रों में जागरुकता का अभाव और गंदगी बनी राह का रोड़ा

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स्वच्छता सर्वेक्षण: पिछले साल जहां थे, इस साल भी वहीं अटके

सूरत. स्वच्छता सर्वेक्षण में एक बार फिर सूरत को निराशा हाथ लगी है। पिछले साल 14वीं पायदान पर रहने के बाद टॉप टेन में स्थान बनाने के लिए सालभर मनपा प्रशासन की ओर से काफी मशक्कत की गई, इसके बावजूद सूरत एक पायदान भी आगे नहीं खिसक पाया। इसकी बड़ी वजह शहर के स्लम क्षेत्रों के लोगों में जागरुकता का अभाव और गंदगी को बताया जा रहा है।

केंद्र सरकार की ओर से एक लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों का सर्वेक्षण किया गया था। इसमें स्वच्छता, लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरुकता और लोगों के अभिप्राय को आधार बनाया गया। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस बार मार्च के पहले हफ्ते में ही परिणामों की घोषणा कर दी गई। बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के स्वच्छ शहरों की सूची जारी की तो सूरत को फिर निराश होना पड़ा। देश के टॉप टेन स्वच्छ शहरों में सूरत जगह नहीं बना पाया और लगातार दूसरे साल 14वें स्थान पर बना रहा। पिछले साल स्वच्छता में पिछडऩे के बाद मनपा प्रशासन ने कमियों को दूर करने की दिशा में प्रयास शुरू किए थे। इसके तहत सूरत को कन्टेनर फ्री सिटी बनाने और कचरे को वर्गीकृत करने के साथ कई तरह के कदम उठाए गए थे। मनपा की ओर से स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाने का भी लगातार प्रयास किया गया। यह प्रयास नाकाफी साबित हुए। मनपा के अधिकारियों का कहना है कि सूरत ने एक साल के दौरान स्वच्छता के लिए सिस्टम में कई तरह के बदलाव किए, लेकिन लिंबायत, कादरशा की नाल, कतारगाम जीआइडीसी, पूणा-कापोद्रा क्षेत्र के लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरुकता के अभाव से इन क्षेत्रों में गंदगी कायम रही। अधिकारी ऑर्गेनिक वेस्ट कन्वर्टर रखने के बावजूद सोसायटी और अपार्टमेंट्स में इनके कम उपयोग तथा खाडिय़ों में फैली गंदगी को स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछडऩे की वजह मान रहे हैं। मेयर डॉ.जगदीश पटेल ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा और उचित दिशा में काम आगे बढ़ाया जाएगा।

पांच हजार में से 3860.66 अंक मिले


स्वच्छता सर्वे में सूरत ने पांच हजार में से 3860.66 अंक हासिल किए हैं। सूरत ने टॉइटल ब्लॉक, स्मार्ट टॉयलेट के साथ खुले में शौचमुक्त शहर के लिए ओडीएफ प्लस और ओडीएफ डबल प्लस प्रमाणपत्र के साथ थ्री स्टार रेटिंग हासिल की। इसके लिए उसे अधिक अंक मिले हैं। सर्वे में सर्टिफिकेशन और स्टार रेटिंग के लिए 1250 अंक, डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन के लिए 1250 अंक, सर्विस लेवल प्रोग्रेस के लिए 1250 अंक और सिटीजन फीडबैक के लिए 1250 अंक तय किए गए थे।

सोलिड वेस्ट निस्तारण में अव्वल


सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट में सूरत देश के दूसरे शहरों से आगे है। स्वच्छता सर्वेक्षण की सोलिड वेस्ट निस्तारण कैटेगरी में दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में सूरत पहले स्थान पर रहा है। गौरतलब है कि 2016 के स्वच्छता सर्वेक्षण में सूरत छठे स्थान पर रहा था। वर्ष 2017 में यह दो पायदान और चढ़ कर चौथे स्थान पर पहुंचा था, लेकिन 2018 में लुढ़क कर 14वें स्थान पर पहुंच गया और इस साल भी इसी पायदान पर कायम है।

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