शहर में ट्रैफिक की समस्या हल करने और यातायात के सुचारू संचालन के लिए कई जगह नो पार्किंग जोन बनाए गए हैं, जहां वाहन पार्क करने पर वाहन चालकों को दंडित किया जाता है। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने वाहन टो करने के लिए ठेका दे रखा है। ठेकेदार अलग-अलग रूट पर क्रेन से वाहन उठाकर ले जाते हैं। बाद में ट्रैफिक पुलिस नो पार्किंग जोन में वाहन पार्क करने को लेकर वाहन चालक का चालान काटती है। क्रेन चालक अलग से क्रेन का किराया वसूल करता है।
नियमों के मुताबिक नो पार्किंग जोन में वाहन पार्क करने पर 100 रुपए का जुर्माना है। क्रेन का किराया मोटर साइकिल और ऑटो के लिए 40 रुपए, कार के लिए 20 रुपए तथा बड़े वाहनों के लिए 100 रुपए तय किया गया है। यानी क्रेन स्टाफ नो पार्किंग जोन से मोटर साइकिल उठा ले जाता है तो वाहन चालक को 140 रुपए चुकाने होते हैं, लेकिन चालकों की मानें तो उनसे अधिक रुपए वसूले जा रहे हैं। पुलिस चालान के 100 रुपए तो सही वसूल रही है, लेकिन क्रेन के किराए के तौर पर 40 के बजाए 50 रुपए यानी दस रुपए प्रति वाहन अधिक वसूले जा रहे हैं।
ट्रैफिक पुलिस शाखा के अंतर्गत विभिन्न रूट पर चलने वाली क्रेन प्रतिदिन नो पार्किंग जोन में पार्क वाहनों को उठा ले जाती हैं। इन वाहनों की संख्या रोजाना 5000 से अधिक होती है। प्रति वाहन चालक से दस रुपए की अधिक वसूली करने पर अवैध वसूली का यह आंकड़ा 50,000 रुपए से अधिक हो जाता है।
विरोध किया, फिर भी नहीं माने
उमरवाडा क्षेत्र निवासी अलीमुद्दीन शेख शुक्रवार को अवैध वसूली का शिकार हुआ। वह अपने दोस्त के साथ उधना दरवाजा के पास एक बैंक में गया था। यहां से नो पार्किंग जोन में पार्क उसकी मोपेड क्रेन नंबर 8 उठाकर कमेला दरवाजा ले गई। मोपेड लेने पहुंचने पर पुलिस ने 100 रुपए का चालान काटा, जबकि क्रेन के किराए के तौर पर 40 के बजाए 50 रुपए वसूले गए। इसका विरोध किया गया, फिर भी ट्रैफिक पुलिसकर्मी और क्रेन स्टाफ ने उसकी एक नहीं सुनी।