– 2019-20 में गुजरात को 2,401.2 करोड़ डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) प्राप्त हुआ, जो देश में आए कुल एफडीआइ का 14 प्रतिशत है। – 2022 में गुजरात राज्य की जीडीपी 288 अरब डॉलर थी। राज्य का जीडीपी ग्रोथ रेट करीब 13 फीसदी है। गुजरात सरकार ने 2027 तक जीडीपी को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
– गुजरात देश में सबसे ज्यादा कार्गो हैंडल करने वाला राज्य है।- ग्लोबल इकोनॉमी रिसर्च रिपोर्ट व ऑक्सफोर्ड के विशेषज्ञों के विश्लेषण के अनुसार, वर्ष 2019 से 35 तक सूरत दुनिया का सबसे फास्ट इकोनामी ग्रोथ करने वाला शहर बन जाएगा। सूरत की ही जीडीपी 9.2 प्रतिशत तक औसत हो जाएगी।
– दक्षिण गुजरात टेक्सटाइल व हीरे में तो पूरा राज्य फार्मा व पेट्रोकेमिकल्स के कारोबार में देश ही नहीं, विदेश में अलग पहचान रखता है।- देश के दो सबसे बड़े रईस गौतम अडानी और मुकेश अंबानी इसी राज्य से हैं। डायमंड प्रोसेसिंग में सूरत का दुनिया में कोई मुकाबला नहीं है।
– टेक्सटाइल : दक्षिण गुजरात का सूरत एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मंडी मानी जाती है। महामारी को छोड़ दिया जाए तो सामान्य वर्षों में सालाना करीब 35 से 40 हजार करोड़ों का टर्नओवर होता है। सूरत में मंदी, नोटबंदी, जीएसटी व कोरोना काल में चालू हालात में 450 में से करीब 350 डाइंग प्रिंटिंग कपड़ा मिल व इकाइयां और 7.5 लाख लूम्स मशीनों में फिलहाल 3 लाख लूम्स मशीनों पर कपड़ा बुना जा रहा है।- अकेले सूरत शहर में पौने दो सौ कपड़ा मार्केट है। जिसमें प्रति मार्केट 500 से लेकर 5000 व्यापारिक प्रतिष्ठान है। कुल 50,000 से अधिक प्रतिष्ठान व शो रूम्स हैं। जिनसे सीधे ढाई लाख लोग जुड़े हुए हैं और सूरत सहित पूरे गुजरात में टेक्सटाइल उद्योग से रोजगार पा रहे हैं।
– फार्मा : गुजरात देश का ऐसा इंडस्ट्रियल स्टेट है जहां सर्वाधिक फार्मा कंपनियां मौजूद है राज्य में छोटी से छोटी से लगाकर बड़ी करीब 4000 फार्मा कंपनियां कार्यरत है। जिसकी देश में 42% उत्पादन में भागीदारी है तथा विदेश में 22% एक्सपोर्ट होता है। अहमदाबाद, बड़ोदरा, भरूच, अंकलेश्वर तथा वापी फार्मा कंपनियों के सेंटर माने जाते हैं।- – गुजरात 2012 से 2017 के बीच सकल राज्य घरेलू उत्पाद में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि कर सका. भारत के कुल पेट्रोकेमिकल उत्पादन का 62 प्रतिशत और तराशे गए हीरे में विश्व का 72 प्रतिशत हिस्सा, गुजरात से आता है।
000 गुजरात में उद्योग पनपने के ये हैं कारण : – मूलभूत और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर – कच्चे मटेरियल तथा आयात निर्यात के लिए सुविधाजनक कनेक्टिविटी.- उद्योग को बढ़ावा देने के लिए गुजराती माइंडसेट सरकार का।
– उद्योगों के लिए पर्याप्त पर्यावरण और उचित माहौल। – मुंबई जैसे औद्योगिक राजधानी के अत्यंत निकट होना तथा महाराष्ट्र राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमाओं से सटे होना।