स्वतंत्रता आंदोलन में दांडी सत्याग्रह को लोग आज भी याद करते हैं।यहां वन चेतना केन्द्र बनाया गया था, बच्चों के लिए खेल के साधन आज जर्जर हो चुके हैं।
यहां आने वाले बच्चे टूटे साधनों पर खेलते हैं, जिससे उनके घायल होने की आशंका हमेशा रहती है। वन चेतना केन्द्र में लगी बेंच भी टूट गई है।
यहां घूमने आए सैलानी ने टूटे व जर्जर साधनों समेत असुविधाओं का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल करते हुए प्रशासन से इस तरफ ध्यान देने का अनुरोध किया है।
वन चेतना केन्द्र की दूसरी ओर सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं, लेकिन उन पर ताले लटके हैं और शौचालय के बाहर पानी भी नहीं आता। इससे महिलाओं और बच्चों को बहुत परेशानी हो रही है।
वन विभाग में अनुदान एवं स्टाफ कमी की समस्या से इसका रखरखाव ठीक से नहीं हो पाता। यहां बनाई सीढ़ी भी समुद्री लहरों के कारण टूट गई है।