बप्पा को रिझाने के लिए लोग रास्तेभर उनके समक्ष नाचते-गाते रहे और बप्पा को अगले साल जल्दी आने का न्योता दिया।
भक्त सोसायटियों में विराजित प्रतिमाओं को लेकर विसर्जन जुलूस पर निकल गए
बप्पा को लेक नाचते-झूमते आगे बढ़ते रहे।
विसर्जन को लेकर बप्पा के भक्तों में सुबह से ही उत्साह और उमंग थी।
बप्पा का विधिवत पूजन कर विसर्जन जुलूस निकाला गया।
लोग नाचते-झूमते बप्पा को विदाई देने तालाबों और समुद्र किनारे पर पहुंचे।
घरों में विराजित बप्पा के विसर्जन के लिए लोग रविवार सुबह से उनकी विशेष पूजा-अर्चना में जुट गए। सुबह आठ बजे कृत्रिम तालाबों पर विसर्जन शुरू होना था।