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सूरत

टैंकर के पानी से लोग चला रहे है काम

लगातार गिर रहा है शहरी क्षेत्र में भूजल स्तर

सूरतMay 17, 2019 / 01:32 pm

Dinesh M Trivedi

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टैंकर के पानी से लोग चला रहे है काम

वापी. शहरी क्षेत्र में लगातार जलस्तर गिरने से बोरिंग से पानी नहीं निकल रहा है, जिससे ज्यादातर सोसायटियों में रहने वाले लोगों को टैंकर से पानी मंगवाना पड़ रहा है। मई के शुरुआत से ही टाउन क्षेत्र के नेहरु स्ट्रीट, चला, छरवाडा, डुंगरा, सुलपड़ समेत विविध विस्तार में की गई बोरिंग से पानी नहीं निकल रहा है। मार्च माह से ही समस्या शुरू हो गई थी। लेकिन मई आते आते यह गंभीर हो गई है, जिससे पानी को लेकर लोग चिंता में हैं। हालांकि नगर पालिका द्वारा की जा रही जलापूर्ति से पीने के पानी की समस्या ज्यादा नहीं है, लेकिन अन्य जरुरतों के लिए पानी का जुगाड़ करने के लिए लोगों को छह सौ से लेकर दो हजार रुपए तक रोजाना टैंकर पर खर्च करना पड़ रहा है। जल्द बरसात न होने पर जलसंकट और गहराने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

तालाब भी सूख गए
वापी क्षेत्र के तालाब भी सूख गए हैं। हालांकि जनसेवा तालाब को सूखने के बाद नहर से पानी लाकर भरा गया, लेकिन मानसून में लबालब रहने वाले चला, डुंगरा, सुलपड़ के तालाब सूख गए हंै। अनुमान लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी विकट है।
मंगवाना पड़ रहा टैंकर
बीते कुछ वर्ष की तरह इस बार भी हमारे विस्तार की कई इमारतों में की गई बोरिंग ने पानी छोड़ दिया है। पानी के लिए नई बोरिंग करवाई। लेकिन दो सौ फीट पर भी पानी नहीं मिला। ऐसे में कई बिल्डिगों में रुपए खर्च कर रोजाना करीब दस हजार लीटर पानी टैेंकर से मंगवाया जा रहा है।
मुकेश शाह, निवासी मंछाराम अपार्टमेन्ट
जल संचय योजना पर ध्यान दें लोग
भूगर्भ जल का नीचे जाना प्रकृति पर निर्भर है। बोरिंग में पानी बन रहे इसके लिए लोगों को जलसंचय योजना पर ध्यान देना चाहिए। सरकारी नियम से अब नई बिल्डिंगों के प्लान में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य कर दिया गया है। उसके बाद ही उसे मंजूरी करते हैं।
संजय झा, हाइड्रोलिक इंजीनियर

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