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सूरत

अब तो चटनी खाना भी हुआ महंगा

सब्जियों के दाम छू रहे आसमान
The prices of vegetables are touching the sky

सूरतSep 09, 2020 / 01:07 am

Sunil Mishra

अब तो चटनी खाना भी हुआ महंगा

टमाटर से लेकर हरी मिर्च और धनिया तक के दाम दो गुना से ज्यादा बढ़ गए

वापी. सब्जियों के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं और अब तो चटनी खाना भी महंगा हो गया है। व्यापारी इसके लिए बरसात को जिम्मेदार बता रहे हैं। लेकिन हकीकत यही है कि गृहिणियों का बजट पूरी तरह गड़बड़ा गया है। कई लोगों ने बताया कि हरी सब्जियों के दाम बढऩे से चटनी भी अब तो थाली से दूर हो गई है। क्योंकि टमाटर से लेकर हरी मिर्च और धनिया तक के दाम दो गुना से ज्यादा बढ़ गए हैं। वापी में इन दिनों टमाटर 50 से 70 रुपए, हरी मिर्च 60 रुपए किलो, हरी धनिया 120 रुपए, बैगन 60 से 80 रुपए, फ्लावर 80 रुपए. पत्ता गोभी 40 रुपए, लौकी -80, करेला 80 रुपए, परवल 80 से 100, गलका -60 से 80, नींबू 60 रुपए, शिमला मिर्च 60 से 80 रुपए प्रति किलो तक बिक रही है। सब्जियों में तड़का लगाने के लिए जरूरी प्याज भी 30 रुपए प्रति किलो पहुंच रही है। आलू भी 40 रुपए तक पहुंच गया है।

महंगाई की मार से स्वाद फीका
वापी कुंभारवाड निवासी अनिल भाई ने बताया कि सिमटती आय से पहले ही परेशान थे और अब महंगाई की मार ने सब्जियों का स्वाद फीका कर दिया है। पहले तो चटनी रोटी खाकर दिन बिताने को लेकर लोग ताना कसते थे, लेकिन अब तो हरी मिर्च से लेकर टमाटर के दाम बढने से चटनी खाना भी मुश्किल हो रहा है। अब तो आलू भी 40 रुपए पहुंचकर हरी सब्जियों के दाम से होड़ ले रहा है।
बजट गड़बड़ हुआ
छीरी निवासी ऊषा देवी ने बताया कि आसमान छूते सब्जियों के दाम ने गहिणियों के बजट को ध्वस्त कर दिया है। कई बार तो बाजार में पहुंचने पर सब्जियों के दाम सुनने के बाद बिना खरीदे ही लौटने का मन करता है। उन्होंने बरसात और गर्मी के दौरान हर साल सब्जियां महंगी करने का आरोप व्यापारियों पर लगाया।
बरसात है वजह
गुंजन में सब्जी विके्रता रामनिहोर ने बताया कि वापी में चिखली, धरमपुर के अलावा नासिक से सब्जियां आती हैं। सभी जगहों पर पिछले दिनों बरसात ज्यादा हुई थी और सब्जियों को काफी नुकसान हुआ था। इसका असर दामों पर पड़ा है और आगामी कई दिनों तक दाम बढ़ेंगे। रामनिहोर के अनुसार दाम ज्यादा होने से उन्हें भी नुकसान हो रहा है। क्योंकि कीमत ज्यादा होने पर ग्राहक भी सब्जियों की खरीदने की मात्रा कम कर चुके हैं।

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