समंदर किनारे दो 2 दिनों तक उछली कविताओं की लहरें
दमन में साहित्यकारों का समागम…साहित्य हिंदुस्तान और का कार्यशाला व चिंतन शिविर
समंदर किनारे दो 2 दिनों तक उछली कविताओं की लहरें
दमण (वापी). साहित्य हिंदुस्तान और हिन्दी साहित्य सौरभ,गुजरात का अधिवेशन व काव्य कार्यशाला वर्ग 6 और 7 अगस्त को दमण के समुद्र किनारे संपन्न हुआ। इसमें अहमदाबाद, सूरत, महेसाणा, भोपाल, उज्जैन, वापी, दमण, सिलवासा व अन्य जगहों से नवांकुर तथा वरिष्ठ साहित्यकार सम्मिलित हुए। समुद्र किनारे सैंडी रिसॉर्ट में हुए साहित्य समागम में रविवार को कवि सम्मेलन हुआ।
साहित्य समारोह का शुभारंभ दमन के उप जिलाधीश मोहित मिश्रा, वरिष्ठ साहित्यकार कांति शुक्ला, मंजू दायमा मेमोरियल ट्रस्ट के प्रमुख बी.के. दायमा, राजस्थान पत्रिका गुजरात के प्रभारी संपादक प्रदीप जोशी ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि मोहित मिश्रा ने कहा कि साहित्य समाज की वास्तविकता से परिचय करा कर सही राह बताता है। इस तरह के आयोजनों से नवोदित कवियों, साहित्यकारों को सीखने, समझने व आगे बढ़ाने का अवसर मिलता है। काव्य संगोष्ठी सत्र में डिप्टी कलक्टर मोहित मिश्रा ने अपनी रचनाओं से सबको अचंभित कर दिया। समारोह की अध्यक्ष मध्य प्रदेश से वरिष्ठ साहित्यकार कांति शुक्ला ने सभी प्रतिभागियों को कार्यशाला में हिंदी काव्य व लेखन की बारीकियों से अवगत कराते हुए बड़ी संख्या में महिला रचनाकारों की उपस्थिति को सराहा।
साहित्य समागम के दूसरे दिन राजस्थान पत्रिका गुजरात के प्रभारी
संपादक प्रदीप जोशी ने कहा कि मातृभाषा के साथ राष्ट्रभाषा के संवर्धन और काव्य विधा से युवाओं को जोड़ने के लिए ऐसे आयोजन श्रृंखलाबद्ध तरीके से करना चाहिए और किए जाएंगे। हिंदी साहित्य सौरभ और साहित्य हिंदुस्तान प्रतिभाशाली युवक, युवतियों, गृहणियों और नौकरी पेशा लोगों को प्लेटफार्म देने का कार्य कर रही है।
समारोह में हिंदी साहित्य में विशेष योगदान को रेखांकित करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार कांति शुक्ला और रचनाकारों को ‘साहित्य हिंदुस्तान सम्मान’ से सम्मानित किया गया। द्वितीय सत्र में मध्य प्रदेश के आगर मालवा से आई मंच की राष्ट्रीय कवयित्री प्रिया खुशबू ने गीत-गजलों से समंदर किनारे बरसाती ठंडक के बीच गरमाहट पैदा कर दी। साहित्य समागम में आए तमाम रचनाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां देखकर भविष्य के काव्य परिदृश्य के लिए नई उम्मीद बांध दी। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार सतीश शर्मा व मुकेश गोसावी की भी विशेष उपस्थिति रही। दो दिवसीय हिंदी साहित्य कार्यशाला के संयोजक बी.के. दायमा ने सभी आमंत्रित मेहमानों और कई साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया।
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