अहमदाबाद-मुंबई के बीच जापान के सहयोग से चलने वाली बुलेट ट्रेन की कामकाज के पहले चरण में सरकार की ओर से किसानों से भूमि अधिग्रहण की गई है। इसमें सूरत जिले की चौर्यासी तहसील के तीन गांव वक्ताणा, गोजा और बोणंद गांव के किसानों की बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जमीन संपादित की गई।
गुरुवार को तीनों गांवों के 15 किसानों को सूरत जिला कलक्टर डॉ. धवल पटेल ने मुआवजा राशि का चेक दिया। कलक्टर ने किसानों को बताया कि शिविर में करीब 75 करोड़ का मुआवजा दिया जा रहा है। १५ किसानों की भूमि संपदान की कार्रवाई पूर्ण होने पर उनको यह मुआवजा दिया गया। यह पूरी रकम किसानों के बैंक खातों में आरटीजीएस के माध्यम से जमा की जाएगी। उन्होंने किसानों से किसी राजनीतिक नेताओं की बातों में नहीं आने की अपील की।
आगामी दिनों मे प्रशासनिक कार्रवाई शीघ्र पूर्ण कर अन्य किसानों से भी चर्चा कर जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई की जाएगी। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के अधिकारी अमायुनश दास ने बताया कि आज का दिन बहुत ही अच्छा रहा। दक्षिण गुजरात में पहली बार बुलेट ट्रेन के लिए अधिग्रहित भूमि के बदले किसानों को तय अनुसार मुआवजा दिया गया। बाजार भाव से 25 फीसदी अधिक राशि दिया गया है।
अगर अन्य किसान भी आगे आए और स्वैच्छिक जमीन सम्पादन की कार्रवाई पूर्ण कर 24 घंटे में एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करें तो उनको भी ज्यादा से ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा। उधर, मुआवजा लेने वाले किसान भी खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि हमें बाजार कीमत के नजदीक का भाव मिला है। जिसका हमे संतोष है। हमने कभी बुलेट ट्रेन का विरोध नहीं किया, लेकिन मुआवजे के बारे में नीतिविषयक विरोध था। वहीं उसका भी निस्तारण हो जाने से हम इस मुआवजे से खुश है।