उद्योगों में जल निकास की व्यवस्था नहीं वार्ड व मोहल्लों में जाने वाली सडक़ों पर पानी एकत्र होने से कीचड़ व्याप्त है। निकास की समुचित व्यवस्था नहीं होने से पानी जगह-जगह जमा हो रहा है। उद्योगों में जल निकास की व्यवस्था नहीं है। फलस्वरूप खाली जगह, बंद उद्योग व सडक़ किनारे खदान दूषित पानी के अड्डे बन गए हैं। औद्योगिक प्रदूषित पानी भी बरसात के पानी में मिल जाता है, जिससे बदबू व मच्छरों का प्रकोप हो गया है। उद्योगपतियों का कहना है कि सडक़ों के नवीनीकरण एवं जल निकास के लिए जिला पंचायत व स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराया गया है, मगर उनकी समस्या की अनदेखी कर दी जाती हैं।
गौरतलब है कि दादरा और नरोली को नगरपालिका बनाने की योजना चल रही है। वर्ष 2021 की जनगणना के बाद दादरा को नगरपालिका का रूप दिया जा सकता है। ग्राम पंचायतों में फंड की कमी से जरूरत के कार्य भी पूरे नहीं हो रहे हैं।
गौरतलब है कि दादरा और नरोली को नगरपालिका बनाने की योजना चल रही है। वर्ष 2021 की जनगणना के बाद दादरा को नगरपालिका का रूप दिया जा सकता है। ग्राम पंचायतों में फंड की कमी से जरूरत के कार्य भी पूरे नहीं हो रहे हैं।