अमरोली कोसाड स्टेशन के नजदीक रेलवे ट्रेक से रविवार सुबह बीस वर्षीय युवती का सिरकटा शव मिला था। रेलवे पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए स्मीमेर अस्पताल ले आई। चिकित्सकों से पैनल में शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। चिकित्सकों ने गला काट कर युवती की हत्या की आशंका जताई। युवती से बलात्कार हुआ या नहीं, यह पता लगाने के लिए नमूने जांच के लिए भेजे गए। रेलवे पुलिस ने कोसाड रेलवे ट्रेक के आसपास अमरोली पुलिस के साथ जगह का निरीक्षण किया था।
पुलिस भरथाणा गांव के एक बंद मकान में पहुंची, जहां रहने वाले दो जने लापता बताए जा रहे हैं। उनके नाम आरती और संन्यासी स्वाई बताए जा रहे हैं। पुलिस ने आसपास के लोगों से संन्यासी के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया। उसका मोबाइल स्विच ऑफ है। रेलवे पुलिस ने चिकित्सकों की प्राथमिक रिपोर्ट के बाद हत्या का मामला दर्ज कर अमरोली पुलिस को जांच सौंपने का प्रयास किया, लेकिन अमरोली पुलिस जांच स्वीकारने को तैयार नहीं है।
अमरोली पुलिस रेलवे ट्रेक से शव मिलने के कारण रेलवे पुलिस पर जांच करने का दबाव बना रही है। रेलवे पुलिस का कहना है कि ट्रेक से शव मिला है, लेकिन हत्या अमरोली पुलिस की हद में हुई है। ट्रेन की चपेट में आने से मौत दिखाने के लिए शव को ट्रेक पर फेंका गया। रेलवे पुलिस और अमरोली पुलिस के बीच चार दिन से यह मामला चल रहा है। शहर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के दखल के बाद भी दोनों पक्ष जांच को लेकर अटके हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि रेलवे पुलिस और अमरोली पुलिस ने भरथाणा गांव में जिस बंद मकान में जांच की थी, उसमें खून फैला हुआ था। रेलवे पुलिस युवती की हत्या की वारदात यहीं होने का अनुमान लगा रही है। आरती और संन्यासी चार महीने पहले ही भरथाणा गांव में किराए के मकान में रहने आए थे। उनके बारे में किसी को पूरी जानकारी नहीं है। संन्यासी संचा कारखाने में नौकरी करता था। सिरकटा शव आरती का होने का अनुमान है। उसका सिर अब तक नहीं मिला है। ओडिशा में संन्यासी की खोज करना पुलिस को भूसे में सुई ढूंढने जैसा लग रहा है।